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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मैं और श्री बौरिंग दोनों सोते रहे। मेरे साथ क्या गुजरी, में इसकी शिकायत नहीं करना चाहता; मैं तो केवल तथ्योंको उनके सही रूपमें प्रस्तुत कर रहा हूँ ताकि मैं यह प्रमाणित कर सकूं कि मैं गिरफ्तार हो चुका था । यदि मैं गिरफ्तार न किया गया होता तो मैं वापस लौटनेसे इनकार कर देता जैसा कि मैंने वास्तवमें उस अफसरको बता दिया था जिसने मुझको पहला आज्ञापत्र दिखाया था । कुछ और घटनाएँ हैं जिन्हें मैं छोड़े दे रहा हूँ। जिन तीन अधिकारियोंने मेरे ऊपर हुक्म तामील किया और जिनका सम्बन्ध मेरी गिरफ्तारी और निर्वासनसे रहा उनके सद्व्यवहारको में सार्वजनिक रूपसे स्वीकार कर चुका हूँ, अतः मैं यह स्पष्ट कर दूँ कि यहाँ मैंने जो कुछ भी कहा उसमें मेरा इरादा अपने उन शब्दोंको मर्यादित करने या उनके अर्थको कम करनेका नहीं है ।

मैं अनसूयाबेनके साथ शीघ्रतासे अहमदाबाद गया ताकि लोगोंको शान्त किया जा सके । और मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहता हूँ कि जनतापर हमारे आनेका जादू जैसा असर हुआ। मैंने अपने-आपको पूरी तरह अधिकारियोंके आदेश पालनके लिए प्रस्तुत कर दिया। आपने गौर किया होगा कि मैं सोमवारकी सभामें बहुत ही सतर्क रहकर बोला था । मैं चाहता हूँ कि मेरा वह भाषण जो आपके पास प्रकाशनार्थं भेजा गया है, आप पूरा-पूरा पढ़ जायें। मार्शल लॉके अन्तर्गत फौजके लोगोंने जो-जो काम किये थे उनका वर्णन मैंने उसमें जान-बूझकर नहीं किया है । निस्सन्देह बिना जरूरत अनेक लोग मारे गये। मैंने घायलोंको सिविल अस्पतालमें देखा है । मैंने उनमें से प्रत्येकसे बात की । सबने मुझे सच्चे सच्चे बयान दिये। बहुतोंने स्वीकार किया कि वे एक बड़ी भीड़में शामिल थे; उस भीड़का उद्देश्य बुरा नहीं था । उन लोगोंको जारी किये गये कानूनका पता न था । वे कानूनकी घोषणा होनेपर फौरन ही यह नहीं समझ पाये कि वह क्या चाहता है । मैं जानता हूँ कि यद्यपि उत्सुक भीड़ मेरा भाषण सुननेके लिए मेरे चारों ओर इकट्ठी हो गई थी और यद्यपि मैंने २५ हजार प्रतियाँ छपवा ली थीं फिर भी वे सबको नहीं मिल पाई थीं। तब मार्शल लॉके नोटिसोंके मजमूनसे, जो क्षुब्ध जनतामें लापरवाहीके साथ वितरित कर दिये गये थे ज्यादातर लोग कैसे परिचित हो सकते थे ? इसलिए भीड़ जमा होती चली गई । मैं यह तो समझता हूँ कि उन्हें पर्याप्त सूचना देनेके बाद उनपर गोली चलाई गई थी । परन्तु आशा है मेरे इस कथनसे आप सहमत होंगे कि उनमें से सबके सब यह नहीं समझ पाये थे कि यह नोटिस अपने-अपने घर चले जानेका आदेश है। अस्पताल में मैंने कुछ १०-१०,११-११ वर्षके बच्चे देखे । मैंने उनसे पूछा कि तुम लोग वहाँ क्या कर रहे थे ? उन्होंने कहा कि हम खेलनेके लिए बाहर गये हुए थे । एक दम्पतिको उनके घर ही में गोलियाँ आ लगी थीं । पत्नी तो जरूमोंके कारण चल बसी, पति जिसने घटनाके बारेमें बताया यह नहीं कहता कि जानबूझकर उनपर गोली चलाई गई थी, बल्कि गोलियाँ झन्नाते हुए घरमें आ गई और उन्हें लग गईं। कुछ लोगोंने कहा कि हम लोग अकेले [दससे कम ] थे । हुक्म था कि अगर दस व्यक्ति एक साथ पाये जायेंगे तो उनपर गोली चलाई जा सकती है। एक मामलेमें, मुझे बताया गया कि एक आदमीने विशेष सावधानी बरती। उसने पहले पहरेदारोंके बीचसे गुजरनेकी अनुमति माँगी । वह उसे मिल गयी तब वह अपने दोस्तोंके साथ उनके बीचसे होकर गुजरा; परन्तु जैसे ही वे लोग कुछ कदम आगे बढ़े कि गोलियोंसे घायल हो गये। जिसने इजाजत माँगी थी वह चल बसा