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पत्र : स्वामी श्रद्धानन्दको

ऐसा मोड़ लेना पड़े, जैसा उसने पहले अहमदाबादमें लिया था; और उसे साधारण भाषामें परित्याग ही माना जायेगा । परन्तु हम कभी नैतिक या राजनीतिक आत्महत्या करनेके भागी नहीं बनेंगे। आपने जो करनेकी सलाह दी है वह हम यहाँ शुरू कर ही चुके हैं। अभी तक तो हमने सत्याग्रह- समिति द्वारा चुने हुए सभी कानूनोंका तोड़ना मुल्तवी नहीं किया है; परन्तु दिल्लीमें प्रवेश करनेकी कोशिश करके अपनेको पुनः गिरफ्तार करानेकी कोशिश मुल्तवी कर दी गई है। अब हम अत्यन्त सक्रिय रूपसे, खुले तौरपर ही, बम्बई और अहमदाबाद दोनों स्थानों में सत्याग्रहका प्रशिक्षण दे रहे हैं। और कार्यकर्त्तागण आशा कर रहे हैं कि वे थोड़े ही समयमें आम जनता को अनुशासन और नियन्त्रणमें रख सकेंगे।मैंने आज जो कुछ सुना है, उसके कारण शायद एक कदम और आगे बढ़कर सभी कानूनोंका तबतक के लिए तोड़ा जाना मुल्तवी रखना पड़े जबतक हमें एक ऐसा वातावरण बन चुकनेका भरोसा न हो जाये जिसमें हम काम कर सकते हों। आशा है कि मैं बम्बई पहुँचते ही एक वक्तव्य प्रकाशनार्थ भेजूँगा । यह शायद कल (शुक्रवार) को बम्बईसे एक गम्भीर समाचार मिला है। श्री जमना वीसीदासने अपने पत्रमें लिखा है कि उनकी सूचनानुसार मुसलमान भाइयोंकी एक सभामें, जिसमें मैं बोलनेको था लेकिन अचानक अहमदाबाद बुला लिये जानेके कारण नहीं बोल सका था, मुसलमान मित्रोंने सत्याग्रहको कमजोर लोगोंका अस्त्र माना है । उन्होंने कहा कि जैसे ही मौका हाथ लगेगा, वे निश्चय ही हिंसाका उपयोग करनेसे नहीं चूकेंगे। मेरे खयालमें यह एक खतरनाक रुख है । राजनीति ही की दृष्टिसे सत्याग्रहकी दृष्टिसे नहीं, मुझे ऐसा लगता है कि यहाँ कोई भी हिंसापूर्ण आन्दोलन, इस्लामको फिरसे उसे उसका हक दिलाने में सफल नहीं हो सकता । जब कि सच्चा सत्याग्रह यदि आम जनतामें प्रविष्ट हो जाये तो वह यह काम एक दिनमें करके दिखा सकता है; यह मेरा अटल विश्वास है ।

सं० ५ : मैं समझता हूँ कि इस प्रश्नका उत्तर प्रकारान्तरसे उपर्युक्त अनुच्छेदों में आ गया है ।

कल आपको एक पत्र भेजा गया था जिसमें कल ही प्राप्त आपके पत्रकी बातोंके पूरे-पूरे उत्तर दिये गये थे । उस पत्र में दी गई रायको में यहाँ संक्षेपमें इस तरह व्यक्त किये देता हूँ कि सत्याग्रह तबतक के लिए बन्द रखिए जबतक आपकी समितिकी रायमें उसे शुरू करनेका समय न आ जाये; और जनताके बीच लगातार काम करते रहिए तथा सभी प्रकारकी सेवा द्वारा उनमें सत्याग्रहके प्रति निष्ठा भरते रहिए ।

हस्तलिखित दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६५४६) की फोटो- नकलसे ।