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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

हैं कि ऐसा किया गया है। अधिवेशन इस मासकी १८, १९ और २० [१]तारीखको होगा। पंडित मालवीयजीने अधिवेशनकी अध्यक्षता करना स्वीकार किया है । इसलिए आप लोग अधिवेशनकी मदद करें।[२]मन्त्रियोंने बताया है कि इस अधिवेशनपर १०,००० रुपया खर्च होगा। इसमें आप जितनी सहायता देंगे वह सम्मेलनको दी गई सहायता मानी जायेगी। वैसे यह कोई ऊँचे दर्जेकी सहायता नहीं है । ऊँचे दर्जेकी मदद तो वह कही जायेगी कि जो लोग यहाँ उपस्थित हैं वे जल्दी ही इस भाषाको सीख लें । रातको एक-एक घंटे किसी शिक्षकके पास बैठकर सीखनेसे [ कुछ ही समय में ] यह भाषा सीखी जा सकती है । में अब अधिक समय नहीं लेना चाहता ।

मुझे उम्मीद है कि आप मेरे विचारोंपर मनन करेंगे और उचित जान पड़ने पर उनपर अमल करेंगे। अनेक बार यह देखनेमें आता है कि हम कोई बात सुनते और पसन्द तो करते हैं परन्तु उसपर अमल नहीं करते । पसन्द की हुई वस्तुके सम्बन्धमें तुरन्त कार्रवाई करनेका परिणाम अच्छा होता है । ऐसा करनेसे हम आगे बढ़ेंगे ।

[ गुजरातीसे ]

गुजराती, २०-४-१९१९

२२२. तार : जी० ए० नटेसनको[३]

बम्बई
अप्रैल १८, १९१९

जो संकटपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है उसके कारण कुछ समयके लिए सत्याग्रह स्थगित करनेका निश्चय । आन्दोलन के सही-सही अमली रूप अर्थात् सत्य और अहिंसाके पालनका प्रशिक्षण जारी । मेरा समाचार-पत्रोंको भेजा गया वक्तव्य पढ़कर आपको प्रसन्नता होगी।

गांधी

प्राप्त अंग्रेजी तार (जी० एन० २२३२) की फोटो नकलसे।

  1. १.हिन्दी रिपोर्ट में कहा गया है: “१९,२० और २१ वीं तारीखको ।”
  2. २. हिन्दी रिपोर्ट में यह भी है : “करवीर पीठके स्वामी शंकराचार्यने कृपा करके स्वागत समितिको अध्यक्षता करना स्वीकार कर लिया है।"
  3. ३. नटेसनके १४ अप्रैलके उस तारके जवाब में जिसमें दंगों के कारण सत्याग्रह स्थगित करनेका आग्रह था। इस जवाबी तारकी एक नकळ मद्रासको सत्याग्रह-सभाके मन्त्री सी० राजगोपालाचारीको भी भेजी गई थी । देखिए हिन्दू, १९-४-१९१९।