पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/२९६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२६६
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

साधारण आवाज पहुँच ही नहीं सकती । सत्याग्रहके ऐसे असंख्य अनोखे दृष्टान्त सब भाई-बहन अपने लिए स्वयं सोच सकते हैं और देख सकते हैं । सत्याग्रह दूसरी ही तरह की चीज होनेसे इस आन्दोलनमें असामान्य अनुभव हों, तो उनसे लोगोंको आश्चर्य नहीं होना चाहिए। इसलिए सबोंसे मेरा अनुरोध है कि श्री हॉर्निमैनके निर्वासनके बारेमें कोई प्रकट आन्दोलन दिखाई न देनेके कारण वे घबरायें नहीं। मेरा अनुरोध है कि लोग धीरज रखें और विश्वास रखें कि सत्याग्रहके पथपर चलकर हम अपने भाईसे और भी जल्दी मिलेंगे ।

मो० क० गांधी

[ गुजरातीसे ]
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ५

२३८. तार : पुण्डलीकको

बम्बई,
अप्रैल २८, १९१९

पुण्डलीक

द्वारा गोरखप्रसाद

मोतीहारी

सत्यसे विचलित हुए बगैर सर्वथा शान्तिसे बोलो बरतो ।

गांधी

प्राप्त अंग्रेजी तार (जी० एन० ५२२२) की फोटो - नकलसे ।


२३९. पत्र : 'टाइम्स ऑफ इंडिया 'को

बम्बई
अप्रैल २८, १९१९

सम्पादक

'टाइम्स ऑफ इंडिया'

महोदय,

सोमवार, १४ तारीखको अहमदाबादको सभामें दिये भाषणमें मैंने संगठित हिंसा- त्मक कार्रवाईकी जो चर्चा की थी, देखता हूँ, उसको समझनेमें भ्रम हुआ है और उसका सम्बन्ध अन्यत्र किये गये हिंसापूर्ण कार्योंके साथ जोड़ दिया गया । किन्तु मैंने