पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/३००

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२४२. पत्र : सर स्टैनली रोडको

लैबर्नम रोड
बम्बई

अप्रैल ३०, १९१९

प्रिय सर स्टैनली रोड,

साथमें स्वदेशीकी प्रतिज्ञाका प्रारूप भेज रहा हूँ । यदि सम्भव हो तो मैं इसके अंग्रेज समर्थक प्राप्त करनेका उत्सुक हूँ-- खास तौरसे इस समय उद्देश्य इस तथ्यको ठोस रूपमें सामने रखना है कि स्वदेशीको लोग किसी वैर या प्रतिशोधके भावसे प्रेरित होकर नहीं, बल्कि इस भावसे अपना रहे हैं कि यह भारतके कल्याणके लिए आवश्यक है । यदि आप इस प्रतिज्ञापर हस्ताक्षर कर सकें तो मुझे प्रसन्नता होगी, और यदि इससे आप सहमत हों, तो मैं आपसे और भी अंग्रेजोंके हस्ताक्षर लेनेका अनुरोध करूँगा ।[१]

मो० क० गां०

दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६५७५) की फोटो नकलसे ।

२४३. पत्र : एन० पी० कॉवीको

लैबर्नम रोड
गामदेवी
बम्बई
अप्रैल ३०, १९१९

प्रिय श्री कॉवी[२]

साथमें परमश्रेष्ठके अवलोकनार्थ स्वदेशीकी प्रतिज्ञाका प्रारूप भेज रहा हूँ। यह वितरणके लिए तैयार है । यदि परमश्रेष्ठ इस प्रतिज्ञापर हस्ताक्षर कर सकें तो मैं इसे बहुत महत्त्वपूर्ण समझूँगा । लेकिन यदि इसमें उनके पदकी स्थिति बाधक हो तब तो कोई बात ही नहीं उठती। उनके स्वदेशी समर्थनसे इस तथ्यको बहुत बल मिलेगा कि स्वदेशीकी प्रतिज्ञा वैरकी भावनासे नहीं ली जा रही है, बल्कि यह एक ऐसी आर्थिक आवश्यकता है जिसकी ओर बहुत पहले ही ध्यान देना चाहिए था ।

हृदयसे आपका,

हस्तलिखित दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६५७६) की फोटो - नकलसे ।

  1. १. श्री रोडके जवाबके लिए देखिए परिशिष्ट ४ ।
  2. २. बम्बई - गवर्नरके निजी सचिव