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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

११ लेखोंको पहलेसे सेंसर [ जाँच ] करनेकी आज्ञाके कारण'क्रॉनिकल' [१]बन्द कर दिया गया है। इसलिए अब 'यंग इंडिया' हफ्तेमें दो बार निकाला जायेगा। आगे चलकर इसे दैनिक भी किया जा सकता है। वह मेरी देखरेखमें छपेगा। उसमें लिखनेको समय निकाल सकोगे ? तुम स्वदेशी, हिन्दू-मुस्लिम एकता, सत्याग्रह, रौलट कानून आदि विषयोंपर लिख सकते हो ।

तुम्हारी सुझाई गई इस शर्तपर भी हम रौलट कानून स्वीकार करनेको तैयार नहीं हैं, कि पहलेसे विधान-मण्डलकी मंजूरी लिए बिना उसपर अमल नहीं किया जायेगा । हमारी आपत्ति केवल यही नहीं है कि उसका नाजायज प्रयोग किया जायेगा; हम तो उस स्वेच्छाचारी पद्धतिके विरुद्ध भी हैं, जो इसमें उल्लिखित अपराधोंके मुकदमे चलानेके लिए रखी गई है। कल्पित अराजकतावादियोंके मामलेकी सरसरी [ समरी ] सुनवाई या इन्साफ मिलनेकी सावधानीके लिए रखे गये अंकुश हटाकर खास ढंगसे मुकदमोंका चलाया जाना या साधारण कानूनके अनुसार भी असाधारण अधिकार देकर मुकदमोंका चलाया जाना --मैं तो इन सभी बातोंके विरुद्ध हूँ। अपवादस्वरूप परिस्थितिके लिए अपवादस्वरूप अधिकार सुरक्षित रखे जाते हैं। परन्तु पहलेसे ही यह मानकर कि ऐसी परिस्थिति पैदा होगी, उसका सामना करनेके लिए कार्यपालिकाके अधिकारियोंको विशेष अधिकार नहीं देना चाहिए ।

मेरा आग्रह है कि जबतक जरूरत हो, तबतक तुम्हें श्रद्धानन्दजीके साथ रहना चाहिए। मैं चाहता हूँ कि वहाँसे छुट्टी पानेपर तुम यहाँ आओ, ताकि हम सारी स्थितिका सिंहावलोकन कर सकें।

यह रक्तपात, यह जोर-जुल्म, यह फौजी कानून, ये सैनिक ढंगकी सजाएँ – इन सबके बीच प्रेमका कानून पूरी तरह काम कर रहा है। उसके अपार प्रमाण मिलते रहते हैं।

तुम्हें और स्वामीजीको प्यार सहित,

सदा तुम्हारा,
मोहन

[ अंग्रेजीसे ]
महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे ।
सौजन्य : नारायण देसाई
  1. १.बॉम्बे क्रॉनिकल ।