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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

हुए। वे अपने शोक और अपनी भावनाको किसी-न-किसी रूपमें सार्वजनिक ढंगसे व्यक्त करनेकी इच्छा रखते हैं। यह इच्छा दबाई नहीं जा सकती और दबानी चाहिए भी नहीं । श्री हॉर्निमैनने लोगोंके लिए जो-कुछ किया है, उसे वे कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने लोगोंमें नया जीवन भरा है और नवीन आशाओंका संचार किया है। इसमें शक नहीं कि लोग जो शान्त रहे हैं, सो इसी आशासे कि उन्हें श्री हॉनिमैनके प्रति अपना शुद्ध प्रेम सार्वजनिक रूपमें व्यक्त करनेका अवसर दिया जायेगा । गम्भीर विचारके बाद सत्याग्रह-सभाने कल रातको तय किया है कि अगला रविवार ता० ११ का दिन हड़ताल करके और पहले दिन शामसे बराबर २४ घंटेका उपवास करके और प्रत्येक घरमें खानगी तौरपर प्रार्थना करके मनाया जाये ।

पहला सुझाव यानी हड़ताल सम्बन्धी सुझाव बम्बई शहरपर लागू होता है । हम इस समय अशान्तिके कालसे गुजर रहे हैं। ऐसे समय सर्वत्र हड़ताल घोषित करना ठीक नहीं मालूम होता। दूसरे स्थानोंपर हड़ताल न करना वहाँके लोगोंके लिए आत्मसंयमका काम होगा। बम्बई शहरमें भी हड़ताल स्वतन्त्र धन्धेवाले लोगों तक ही सीमित रहेगी। जो सरकारी अथवा खानगी दफ्तरोंमें काम करते हैं, उन्हें छुट्टी मिले, तभी वे कामपर न जायें । काम बन्द करनेके लिए किसीपर कोई दबाव न डाला जाये, किसीके विरुद्ध जरा भी बलप्रयोग न किया जाये, क्योंकि जबरदस्ती काम बन्द कराना सचमुच काम बन्द करना हरगिज नहीं कहलाता । किसीपर जब्र करके हम उसे कामपर जानेसे रोकें, तब तो वह उसी कामका खयाल करता रहता है। इसलिए जिस व्यापारीको अपनी दूकान खोलनेकी इच्छा हो अथवा जिस गाड़ीवालेको गाड़ी चलानेकी इच्छा हो, उसपर दबाव न डालनेको हम बँधे हुए हैं। इतना ही नहीं, उसकी रक्षा करनेको भी बँधे हुए हैं। मैं आशा रखता हूँ कि बम्बईमें और अन्यत्र जिन स्त्री-पुरुषोंको धार्मिक अथवा स्वास्थ्य सम्बन्धी कारणोंसे कोई आपत्ति न हो, वे उपवास करेंगे और दिन-भर धार्मिक चिन्तनमें और अपने धर्म शास्त्रों में से सत्याग्रहके उदाहरण याद करके यह समझनेके प्रयत्नमें बितायेंगे कि सत्याग्रहका सच्चा स्वरूप क्या है। राष्ट्रीय प्रगतिमें एक सहायताके रूपमें, राष्ट्रीय आदर्शोंके विकासके लिए तथा भूख आदि हमारी वासनाओंपर अंकुश रखनेके लिए उपवासकी शक्तिका विचार हम आगे करेंगे। अभी तो इतना ही पर्याप्त है कि बम्बई शहरमें हम अगले रविवारको पूरी तरह ऐच्छिक रूपसे सत्याग्रहवाली हड़ताल रखें और दूसरे सब स्थानों में भी उपवास रखें और शान्ति और प्रेमपूर्वक खानगी तौरपर प्रार्थना और चिन्तन करें । ऐसा करनेसे हम अपनी इज्जत बढ़ायेंगे और श्री हॉर्निमैनको जल्दी ला सकेंगे।

[गुजरातीसे ]

महादेवभाईनी डायरी,खण्ड ५