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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

यदि कोई भाई या बहन काम बन्द करनेको अनिच्छुक हो, तो उसके काममें कोई हस्तक्षेप न करेगा। इतना ही नहीं, बल्कि उसे किसी भी प्रकारके हस्तक्षेप अथवा हानिके विरुद्ध आश्वासन दिया जायेगा । 'एक भी मनुष्यको काम बन्द रखनेको मजबूर किया जाये, इसके बजाय तो मैं यह चाहूँगा कि बम्बई शहरमें रविवारको लोग अपना काम बन्द न रखें और [ हड़तालके ] संयोजक हँसीके पात्र न बनें।' बम्बईमें रविवारको किसी भी प्रकारके ऊधम न होने देनेके लिए ही सार्वजनिक सभाका विचार छोड़ दिया गया है और सबको अपने- अपने घरोंमें रहनेकी सलाह दी गई है। सारे सत्याग्रही कार्य धार्मिक वृत्तिसे चलने चाहिए इसीलिए मैंने चौबीस घंटेका उपवास करने और सारा दिन धार्मिक चिन्तनमें बितानेका सुझाव दिया है। मैंने आशा रखी है कि परिवारके सभी आदमी, बच्चे और नौकर तक इस धर्म-कार्यमें हिस्सा लेंगे । हिन्दू लोग 'भगवद्गीता' का पाठ सुनें । स्पष्ट उच्चारणके साथ सारी गीता पढ़नेमें चार घंटे लगते हैं। उसके बजाय अथवा अलावा अन्य हिन्दू धार्मिक पुस्तकें भी पढ़ी जा सकती हैं। मुसलमानों और दूसरे लोगोंको अपने-अपने धार्मिक ग्रन्थोंका पाठ करवाना और सुनना चाहिए। वह दिन प्रह्लाद, हरिश्चन्द्र, मीराबाई, इमाम हसन तथा हुसेन, सुकरात और दूसरे महान् सत्याग्रहियोंकी कथाएँ पढ़ने और सोचनेमें बिताया जाये । श्री हॉर्निमैन किस प्रकार हमारे प्रेमपात्र हैं, यह भी एकत्र कुटुम्बीजनोंको समझाना उचित होगा। मुख्य बात यह याद रखनी है कि अगला रविवार हम ताश या चौपड़ खेलनेमें, जुआ खेलनेमें अथवा केवल आलस्यमें न गँवा दें, परन्तु इस प्रकार बितायें, जिससे राष्ट्र सेवा करनेकी हमारी योग्यता बढ़े। मैं आशा रखता हूँ कि अच्छी स्थिति वाले अमीर परिवार अपने गरीब, अज्ञानी अथवा अकेले रहनेवाले पड़ोसियोंको इस धार्मिक क्रियामें भाग लेनेके लिए निमन्त्रित करेंगे। भाईचारेकी वृत्ति जबानसे कहनेसे नहीं, परन्तु ऐसे काम करनेसे विकसित होती है।

कालबादेवी रोडके एक भाई श्री मोतीलाल डाह्याभाई झवेरी अभी-अभी मेरे पास आकर मुझसे कहते हैं कि अगले रविवारकी हड़तालकी घोषणाका समाचार प्रकाशित होनेसे पहले उन्होंने अपने यहाँ विवाह समारोहके निमन्त्रण जारी कर दिये हैं। उन्होंने मुझे यह भी बताया कि उस दिन शहरमें बहुत से विवाह समारोह होंगे। भाई मोती- लालकी बहुत इच्छा है कि वे खुद और उनके मित्र इस राष्ट्रीय दिवसके मनानेमें भाग लें। ऐसे लोगोंको मेरी सलाह है कि विवाह-विधिका जो धार्मिक भाग है, वह भले ही निपटा लिया जाये, परन्तु भोजन समारोह और दूसरे जलसे सोमवारके लिए स्थिगित रखे जायें। श्री हॉनिमैनके प्रति भाई मोतीलालका देशभक्तिपूर्ण प्रेम इतना है कि उन्होंने मेरी यह सलाह एकदम मान ली है। उस सलाहको मैं उनकी जैसी स्थितिवाले सभीके सामने स्वीकार करनेके लिए रख रहा हूँ ।

मो० क० गांधी

[ गुजरातीसे ]

महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ५