पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/३२०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
२९०
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जाता है। मुझे विश्वास है कि जो स्त्रियाँ या पुरुष लोगोंके लिए वस्त्र पैदा करते हैं, उन्हें अत्यन्त पुण्य होता है। ...

[बापूके आशीर्वाद ]

[ गुजरातीसे ]
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ५

२६१. भाषण: बम्बईकी सभामें[१]

मई ६, १९१९

भाइयो,

लगता है कि अब और लोगोंके आनेकी राह देखनेकी आवश्यकता नहीं है। जब और लोग आयें तब मैं जो कह रहा हूँ, वह आप उन्हें बता देना ।

हमें रविवारको जो कार्य करना है वह बड़ा महत्त्वपूर्ण है और उसके साथ बड़ी जिम्मेदारियाँ जुड़ी हुई हैं। बम्बईके लोगोंने अभी तक बहुत ही शान्तिका परिचय दिया है। मुझे अब उस शान्तिका अनुचित उपयोग नहीं करना चाहिए। मेरे पास कुछ गुमनाम पत्र आये हैं। उनमें मुझपर भाई हॉर्निमैनके सम्बन्धमें अभी तक कुछ न करनेके कारण, विवेक बुद्धिका त्याग करके सख्त प्रहार किये गये हैं। इससे मुझे कोई दुःख नहीं हुआ । लेकिन मैं यह देख सकता हूँ कि भाई हॉनिमैनके प्रति लोगोंका कितना प्रेम है; और मुझे लगा कि अब मुझे चाहिए कि लोगोंकी भावनाओंको व्यक्त करूँ। जिस दिन भाई हॉनिमैनको गिरफ्तार किया गया, उस दिन रातको, दूसरे दिन हड़ताल किये जाने के लिए भारी हलचल हो रही थी। लेकिन कुछ लोगोंकी भारी मेहनतके परिणामस्वरूप शान्ति बनी रही। मैंने इन लोगोंको उत्तर दिया था कि जब मुझे विश्वास हो जायेगा तब मैं अपनी अनुमति दे दूंगा। मेरी पत्रिकाएँ आप अवश्य देखते होंगे। उसमें मैंने किसीको निराशाका कारण नहीं दिया। पिछले १० दिनोंमें हमने बहुत काम किया है। हमने इतने दिनों तक शान्ति बनाई रखी; और इसमें हमने अपने दिलोंपर बहुत काबू रखा। इसके लिए बम्बईके लोग बधाईके पात्र हैं। कुछ लोग ऐसा आक्षेप भी लगाते हैं कि भाई हॉर्निमैनके अंग्रेज होनेके कारण हिन्दुस्तानी कोई हलचल नहीं करते। लेकिन ऐसा आक्षेप लगानेवालोंको यह जान लेना चाहिए कि यदि बम्बईके लोगोंके मनमें भाई हॉनिमैनके प्रति भावनाएँ होंगी तो वे समय आनेपर उन्हें अवश्य प्रकट करेंगे । जो व्यक्ति स्वतन्त्रताकी सलाह देता रहा है उसे हिन्दुस्तान भूल जाये, यह सम्भव ही कैसे हो सकता है ? और जैसा कि मैंने कहा था वह समय अब आया है। मैं फिर कहता हूँ कि रविवारको हमें जो कार्य करना है

वह अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। उसमें हमारी भारी कसौटी होगी । हमें देखना यह है कि हम

  1. १. यह सभा मोरारजी गोकुलदास मार्केटमें, गांधीजीकी ओरसे बुलाई गई थी। इसमें गांधीजीने लोगोंको बताया कि वे हॉर्निमैनके सम्मानमें रविवार, मई ११ का दिन किस तरह व्यतीत करें ।