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सत्याग्रह माला - १९

कहूँ तो मुश्किल होगा। लेकिन [ आप ] कलसे व्रत लेनेका विचार करें और मैं भगवान्से प्रार्थना करता हूँ कि वह आपको ऐसे विचारोंकी प्रेरणा दे ।[१]

इस व्रतकी प्रतिज्ञा आप कल ले सकती हैं। लेकिन उसका निश्चय तो आज ही कर लेना चाहिए। यदि आप अपने सारे कपड़ोंके फट जानेकी बाट देखें तब तो बहुत देर हो जायेगी। एक-दो साड़ियाँ हों तो बात दूसरी है; किन्तु अगर साड़ियोंका ढेर लगा हो तो देशकी उन्नति के लिए आपको यह त्याग करना ही चाहिए। अगर आपके ये सब कपड़े चोरी चले जायें तो आप क्या करेंगी ? मान लीजिये कि वे चोरी चले गये हैं । देशके लिए यह बलिदान किया ही जाना चाहिए । अगर आपको लगे कि ये कपड़े आपके पास बने रहें तो आपके मनमें उनके पड़े रहनेका कलक होगा और कभी-कभी उन्हें पहननेको जी करेगा। तो आप वे सारे कपड़े मुझे सौंप दें । में उनका कोई ठीक उपयोग करूँगा । जो यह व्रत न ले सकें वे अंशत: स्वदेशीका व्रत लें; किन्तु जहाँतक बने पूरी तरह स्वदेशीके उपयोगका व्रत लिया जाना चाहिए।

[ गुजरातीसे ]

खेड़ा वर्तमान,२१-५-१९१९

२६८. सत्याग्रह माला-१९

मई ९, १९१९

रविवारको बम्बईकी कसौटी

भाइयों और बहनों,

रविवारको बम्बईकी कसौटी होगी। समझदार लोगोंके लिए हड़ताल, उपवास और ध्यान- पूजा बहुत सुगम हैं, और रविवारको बम्बई अपनी समझदारी सिद्ध करेगी। ब्रिटेनमें मुख्यतः स्कॉटलैंडमें प्रत्येक रविवारको धार्मिक कारणोंसे काम-काज बन्द रखा जाता है। उस दिन रेलगाड़ियां भी बहुत कम चलती हैं । भारतमें भी सरकारी दफ्तर रविवारको बन्द रखे जाते हैं । इसलिए हड़तालके बारेमें सामान्यतः चिन्ताकी कोई बात नहीं होनी चाहिए। हमारी हड़ताल के बारेमें थोड़ी चिन्ता इसलिए है कि इस समय जरा क्षोभ फैला हुआ है, जब कि हमें हड़तालमें शोक और सम्मानका प्रदर्शन करना है। विभिन्न क्षेत्रोंसे जो खबरें मिली हैं और रविवारके अनुष्ठान के कारण बतानेके लिए आयोजित सभाओंसे जैसी धारणा बनती है, उससे पूरी आशा बँधती है कि बम्बई रविवारको पूर्ण शान्ति कायम रखकर अपना और भारतका नाम उजागर करेगी ।

  1. १. इसके बाद गांधीजीने कहा यदि कोई कुछ पूछना चाहे तो पूछे । एकने कहा कि उनके पास जो विदेशी कपड़ा है वह काफी कीमती है और इसलिए भविष्यमें न खरीदनेकी प्रतिज्ञा लेकर इसका उपयोग कर लेना ठीक होगा । एकने कहा कि नई पोशाक बनवानेके लिए उन्हें ८ दिनको मुहलत दी जानी चाहिए । आगेका अनुच्छेद इन्हीं बातोंका जवाब है ।