पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/३३७

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।



३०७
सत्याग्रह माला - २०

निश्चय किया कि वाइसराय और भारतके गवर्नर जनरलसे भारत-मन्त्री और प्रधान मन्त्रीकी सलाहसे ब्रिटेनकी नीतिकी घोषणा करनेकी प्रार्थना की जाये जिसे ब्रिटिश प्रतिनिधि शान्ति सम्मेलनमें रखें । इसका उद्देश्य यह हो - (१) खिलाफतका प्रश्न भारतके मुसलमानोंकी इच्छाके अनुसार तय किया जाये; (२) मक्का, मदीना, यरूसलेम, नजफ, कर्बला, केक्सोमिना, बगदाद आदि पवित्र स्थान खलीफतुल मुसलमानोंके संरक्षणमें दे दिये जायें; (३) टर्की साम्राज्यका प्रस्तावित विघटन न होने दिया जाये; (४) कुस्तुनतुनिया, जो ४०० सालसे खलीफाओं की राजधानी रही है और जिसमें मुख्यतः तुर्क प्रजातिके मुसलमान रहते हैं, टर्की साम्राज्यकी राजधानी रहे। यह भी निश्चय किया कि उन माँगोंकी पूर्तिसे भारतके मुसलमानोंकी भावनाएँ शान्त हो जायेंगी और उनका वर्तमान भयंकर असन्तोष और क्षोभ मिट जायेगा । इसलिए यह सभा हार्दिक प्रार्थना करती है कि ब्रिटिश सरकार जल्दी ही भारतमें इस प्रश्नपर एक घोषणा जारी करवाये, क्योंकि भारतमें ऐसी घोषणासे ही शान्तिका युग आरम्भ होगा जो देशके अच्छे और व्यवस्थित शासनके लिए अत्यन्त आवश्यक है ।[१]

[ गुजरातीसे ]
गुजराती, ११-५-१९१९

२७२. सत्याग्रह माला २०

मई १०, १९१९

घृणा सदा मारती है, प्रेम सदा मरता है

भाइयो और बहनो,

हिन्दुओं, मुसलमानों, पारसियों, ईसाइयों और यहूदियोंसे मेरी एक ही प्रार्थना है कि हम अपने कलके आचरणसे सरकारको यह दिखा दें कि हमारे इरादे ऐसे हैं जिनसे किसी प्रकारके अनिष्टकी आशंका नहीं है और बम्बई में कोई भी शान्ति भंग करना नहीं चाहता । हम धीरज तथा निरुद्विग्न भावसे बड़ीसे बड़ी जिम्मेदारियाँ पूरी कर सकते हैं। इसके साथ ही हमें यह भी सिद्ध कर देना चाहिए कि हममें पूर्ण एकतासे कार्य करनेका सामर्थ्य है और हमने अपने प्रिय उद्देश्यको पूरा करनेका दृढ़ निश्चय कर लिया है । किन्तु हम सरकारके विरुद्ध मनमें दुर्भाव रखकर नहीं, बल्कि सद्भावसे न्याय प्राप्त करना चाहते हैं । घृणा हमें बराबर मारना सिखाती है और प्रेम मरना । इतना बड़ा अन्तर है दोनोंमें ? जो कुछ प्रेमसे मिलता है वह नित्य रहता है। जो कुछ घृणासे मिलता है वह वस्तुतः भार सिद्ध होता है, क्योंकि इससे घृणाका भाव बढ़ता चला जाता है । मनुष्यका कर्त्तव्य घृणाका उपशमन करना और प्रेमको उत्तेजन

 
  1. १. प्रस्तावका उपर्युक्त मसविदा अंग्रेजी (यंग इंडिया) से अनूदित है ।