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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

देना है । मेरी यही कामना है कि बम्बईके लोग पूरी हड़ताल करेंगे तथा उपवास रखकर ईश्वरसे प्रार्थना करेंगे-और यह सब आप प्रेमभावसे करेंगे

मो० क० गांधी

गांधी स्मारक निधि में सुरक्षित 'सांझ वर्तमान' प्रेस, फोर्ट, बम्बई द्वारा मुद्रित मूल अंग्रेजी पत्रकसे ।

सौजन्य : एच० एस० एल० पोलक

२७३. तार : एस० के० रुद्रको

बम्बई
मई १०, १९१९

प्रिंसिपल रुद्र

स्टीफेंस कॉलेज

दिल्ली
चार्लीको वर्तमान परिस्थितियों में बिना [ सरकारी] अनुमतिके लाहौर न जानेकी सख्त हिदायत ।
[ अंग्रेजीसे ]

बॉम्बे सीक्रेट ऐब्स्ट्रैक्ट्स, १९१९, पृष्ठ ४१६

२७४, पत्र : एनी बेसेंटको

बम्बई
मई १०, १९१९

प्रिय श्रीमती बेसेंट,

पत्रके लिए धन्यवाद । जहाँतक मैं जानता हूँ, डॉ० सुब्रह्मण्यम्पर[१]किसीने कोई नाजायज दबाव नहीं डाला था । वे अपनी सत्याग्रह सम्बन्धी भेंटका हाल तो मुझसे मिलनेसे पहले ही प्रकाशित करवा चुके थे। उन्होंने प्रतिज्ञा भी बिलकुल अपनी इच्छासे ली थी और कहा था कि मैं तो जन्म-भर सत्याग्रही रहा हूँ । मुझे वह अवसर भली भाँति स्मरण है जब आपकी नजरबन्दीके दिनोंमें मैं उनसे उनके बँगलेपर ही मिला था। उस समय वहाँ आपके कई अनुयायी मौजूद थे और जब मैंने उनके सामने अपनी योजना रखी तो उनमें से एक-एक करके सभीने उसपर अपनी स्वीकृति दी थी ।

 
  1. १. सर एस० सुब्रह्मण्यम् अय्यर ।