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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


शील और चिन्तामय अवस्थामें हों, उन्हें सत्याग्रही कैसे माना जाये ? सत्याग्रही होना तलवारकी धारपर चलनेके बराबर है ।

इतना लिखनेपर भी अगर में आपकी शंकाओंका समाधान नहीं कर सका होऊँ, तो उस हालत में तो आपको धीरज रखनेकी ही सलाह दे सकता हूँ। अगर सत्याग्रहका सही अर्थ आप किसी भी प्रकार जेल जाना ही करते हों, तो किसी भी कानूनको तोड़कर जेल जाया जा सकता है। अगर इसी तरह सत्याग्रह किया जा सकता हो, तो हर कैदी सत्याग्रही है।

जिन कानूनोंको तोड़नेमें नीति भंग न होती हो, उनकी सकारण सविनय अवज्ञा ही सत्याग्रह हो सकती है। अगर ऐसे ही अवज्ञाके सम्बन्धमें आपको बता सकूँ, तब तो मैं खुद ही कर डालूँ ।

मोहनदास गांधी

[ गुजरातीसे ]
महादेवभाईनी डायरी, खण्ड ५

२८९. सत्याग्रहियोंके सम्मेलनके बारेमें परिपत्र[१]

लैबर्नम रोड
बम्बई
मई २१, १९१९

प्रिय श्री,

यदि आवश्यक हुआ तो पंजाबकी घटनाओंके सम्बन्धमें भी सत्याग्रह शुरू किये जानेके बारेमें विचार किया जायेगा। सुझाव है कि भिन्न-भिन्न केन्द्रोंके सत्याग्रही बुलाये जायें और उनका छोटा-सा अनौपचारिक खानगी सम्मेलन किया जाये। सम्मेलन इस माह बुधवार, २८ तारीखको बम्बई में हो । क्या आप इस सम्मेलनके लिए अपने प्रान्तसे एक या एकसे अधिक प्रतिनिधि भेज सकेंगे ? सभाका स्थान व समय बादमें सूचित किया जायेगा ।

हृदयसे आपका,

[ सेवामें ]
श्रद्धानन्दजी
हुसैन इमाम
सुन्दरलाल
कस्तूरी रंगा आयंगार
जयरामदास
वल्लभभाई}}

अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६६१८) की फोटो नकलसे ।

 
  1. १. मूल परिपत्रपर दी गई टिप्पणीके अनुसार यह समाचारपत्रों में प्रकाशनार्थं नहीं था ।