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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

लिए एक बड़ी तपस्या है; और वह बिलकुल जरूरी है। तुममें सच्चा प्रेम हो- मैं जानता हूँ कि तुममें वह अवश्य है - तो उसका तुम्हारे वर्तमान वातावरणपर मूक, किन्तु अचूक असर पड़े बिना नहीं रहेगा । 'भगवद्गीता' का कथन है कि एक भी विचार, एक भी कार्य निष्फल नहीं जाता। इसलिए अपना मौजूदा काम धीरजके साथ और सच्चे दिलसे करनेमें तुम्हारा कर्त्तव्य पूरा हो जाता है। पहाड़पर जानेसे तुम्हें जो नई शक्ति मिलेगी, उसका उपयोग भी तुम्हारे कामके लिए ही होनेवाला है । फिर चिन्ता किसलिए करती हो ?

स्वदेशी-व्रत अपने निजी कपड़ों तक ही सीमित है । प्रियजनोंसे उपहारमें मिली हुई डेनमार्ककी चीजोंको काममें न लेनेके लिए तो मैं कह ही नहीं सकता । इतना काफी है कि भविष्य में तुम केवल स्वदेशी वस्तुएँ ही खरीदो और तुम्हारी दूसरी चीजें भी यथाशक्ति स्वदेशी हों। अधिक परिवर्तन करनेकी बात जब हम मिलेंगे, तब कर लेंगे ।

श्री एन्ड्रयूज थोड़े दिन मेरे साथ रह गये । आजकल वे दिल्लीमें हैं। सुन्दरम्से कहना कि उसकी बीमारीकी बात सुनकर मुझे दुःख हुआ है । उसे तन्दुरुस्त और सशक्त बनना चाहिए ।

सस्नेह,

तुम्हारा,
बापू

[ अंग्रेजीसे ]
महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे ।
सौजन्य : नारायण देसाई

३०१. पत्र : वालजी देसाईको

बम्बई
बुधवार [ मई २८, १९१९][१]

भाईश्री वालजी,[२]

आपको लिखनेका विचार कर रहा था, आज ही लिख पा रहा हूँ। मेरी कामना है कि आपका विवाहित जीवन सुखी हो और देशके लिए लाभदायक सिद्ध हो। आपका विवाह किसके साथ हुआ है, सो बताना । [ उम्मीद है ] आपका स्वास्थ्य ठीक होगा ।

मैं यह चाहता हूँ, आप 'यंग इंडिया' के लिए कुछ लिखें ।

मोहनदासके वन्देमातरम्

मूल गुजराती पत्र (सी० डब्ल्यू० ३१६४) की फोटो नकलसे ।

सौजन्य : वी० जी० देसाई

 
  1. १. तारीख डाककी मुहरसे दी गई है ।
  2. २.प्रो० वालजी गोविन्दजी देसाई; गुजरात कॉलेज, अहमदाबादमें कुछ कालतक अंग्रेजीके प्राध्यापक; नौकरीसे त्यागपत्र देकर गांधीजीके साथ शामिल हो गये। गांधीजी कृत दक्षिण आफ्रिकाना सत्याग्रहनो इतिहास और अन्य रचनाओंके अनुवादक ।