पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/४११

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३८१
पत्र : मगनलाल गांधीको

रखता हूँ। यह कहनेकी आवश्यकता नहीं कि में हिंसा भड़कने के खिलाफ पूरी सावधानी रखूंगा। अधिक फिर ।

सस्नेह,

आपका,
भाई

[ पुनश्च : ]

पत्रके साथ श्री मॉण्टेग्युके नाम मेरे पत्रकी एक नकल है जो सार्वजनिक उपयोग लिए नहीं है ।

अंग्रेजी (जी० एन० ३७९३) की फोटो - नकलसे ।

 

३३९. पत्र : मगनलाल गांधीको

बम्बई
जून १५, १९१९

चि० मगनलाल,

चि० सामलदास सम्भवतः आज पहुँचेगा यह बात मैंने तुम्हें अपने कलके पत्र में लिखी थी। सामलदासके साथ मेरी यह शर्त है कि वह जरूरत जितना बुनाईका काम सीख लेगा और उसके सिलसिलेमें जो भी काम करना आवश्यक होगा करेगा । इस सम्बन्धमें जहाँ जाना आवश्यक होगा, वहाँ जायगा । मेरी इच्छा यह है कि सामलदास सारे भारतके कारीगरों [बुनकरों ] से परिचय प्राप्त करे, उनसे काम ले और योग्य व्यक्तियोंको तथा स्त्रियोंमें जो बुननेका काम करती हों उन्हें ढूंढ़ निकाले । मैं मानता हूँ, उसमें यह सब करनेकी शक्ति है । मेरी दूसरी शर्त यह है कि वह शान्तिको आश्रममें लायेगा । शान्ति तो आश्रममें रहना सम्भवतः स्वीकार कर भी ले, लेकिन मुझे नहीं लगता कि नन्दकोर भाभी[१]आश्रममें आकर रहेगी । सामल- दासका भी यही विचार है । मैं मुक्त रहूँ और उन्हें प्रसन्न करके तथा आश्रममें केवल धर्म-प्रवृत्ति है, यह समझाकर ला सकूँ यह अलग बात है । लेकिन इस बीच सामलदासको तो नन्दकोर भाभीके साथ ही रहना पड़ेगा। मुझे लगता है कि मियाँखाँके बँगलेमें जो अलग कमरे हैं उन्हें सामलदास किरायेपर ले सकेगा । अनसूयावेनका कहना है कि इसके अलावा दूसरा मकान भी मिल सकेगा। इस सम्बन्धमें उपर्युक्त व्यवस्था करना । सामलदासका खयाल है, नन्दकोर भाभी १५-२० दिनों में वहाँ आनेके लिए तैयार हो जायेंगी । सामलदासके साथ मेरी शर्त यह है कि मैं उसे प्रतिमास ८०-९० रुपये दूँगा । तदनुसार उसे यह रकम देना और बही-खाते में दर्ज कर लेना। मुझे विश्वास है कि इतनी रकम में डाक्टर मेहतासे ले सकूँगा । ऐसा

 
  1. लक्ष्मीदास गांधीकी विधवा ।