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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

कपड़ा मिल सके, उसीसे सन्तोष करना होगा। यदि हम इतने छोटेसे त्यागके लिए भी तैयार नहीं हैं, तो स्वदेशी-जैसी महान् शपथ निभाना हमारे लिए सम्भव नहीं होगा । हम अपने अगले पर्चे में अपने कपड़ेका भण्डार बढ़ाने के इस तीसरे मार्गके सम्बन्धमें कुछ अधिक विस्तारसे विचार करनेकी आशा करते हैं ।

मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]
यंग इंडिया, १८-६-१९१९

३४३. डॉक्टर किचलू के मुकदमेके सम्बन्धमें गवाही

बम्बई
जून १६, १९१९

डॉ० किचलूके मुकदमे सम्बन्धमें जो लाहौरमें मार्शल लॉ कमीशनके सामने चल रहा है, महात्मा गांधीसे बम्बईके चीफ प्रेसीडेंसी मजिस्ट्रेट श्री ऐस्टनकी अदालतमें गत सोमवारको हाजिर होकर गवाही देनेके लिए कहा गया था ।

व्यवसायके बारेमें पूछे जानेपर श्री गांधीने बताया कि वे एक किसान और बुनकर हैं।

इसपर श्री एस्टन मुस्कराये और बोले, "आपको तलब तो एक बैरिस्टरकी तरह किया गया है ।"

श्री गांधी में बैरिस्टर था, परन्तु आजकल बैरिस्टरी नहीं कर रहा हूँ ।

श्री ऐस्टनने कहा कि मैं आपको एक किसान, बुनकर और बैरिस्टर जो आज- कल बैरिस्टरी नहीं कर रहा है, ऐसा दर्ज करूँगा ।

इसके बाद श्री गांधीसे प्रश्न किया गया कि क्या आप डॉ० किचलूको जानते हैं? इसके उत्तर में उन्होंने यह कहा कि में व्यक्तिगत रूपसे डॉ० किचलूसे परिचित नहीं हूँ, केवल समाचारोंके आधारपर परिचित हूँ। यह पूछे जानेपर कि रौलट कानूनसे सत्याग्रहका कोई सम्बन्ध है या नहीं। श्री गांधीने कहा “हाँ, है"। तब उनसे यह पूछा गया कि आपकी जानकारीके मुताबिक डॉ० किचलू कानूनके पाबन्द व्यक्ति हैं या नहीं। श्री गांधीने कहा कि "मैं नहीं बतला सकता। मुझे यह मालूम नहीं है।

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल,१७-६-१९१९