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३६५. भाषण : सत्याग्रह - सभा में

बम्बई
जून २७, १९१९

रौलट विधेयकोंका तथा श्री बी० जी० हॉनिर्मनके देशनिकालेका विरोध करनेके लिए शान्ताराम चाल, बम्बई में २७ जून, १९१९ को सत्याग्रह-सभा के तत्त्वावधानमें एक सार्वजनिक सभा हुई। गांधीजी अध्यक्ष थे।

गांधीजीने कहा कि वर्षाके कारण सभामें उपस्थिति बहुत ही कम है; मेरा खयाल है कि जो नहीं आये हैं वे खरे सत्याग्रही नहीं हैं । यहाँ जो दो प्रस्ताव पास किये जानेको हैं। उनका उद्देश्य रौलट विधेयकोंके लागू किये जाने तथा श्री हॉर्निमैनको देशनिकाला दिये जानेका विरोध करना है । भाषणकर्त्ताओंसे प्रार्थना है कि वे यथासम्भव कम शब्दों में अपने विचार व्यक्त करें।

गांधीजीने प्रस्तावपर मतदान कराया और वह सर्वसम्मतिसे पास कर दिया गया ।

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल, २८-६-१९१९
 

३६६. पत्र : एच० एस० एल० पोलकको

लैबर्नम
रोड गामदेवी
बम्बई
प्रिय हेनरी, जून २७, १९१९

प्रिय हेनरी,

यह पत्र ११ बजे रात्रिके पश्चात् लिखवा रहा हूँ । इसलिए बड़ेसे पत्रकी उम्मीद मत करना। आशा है कि तुम्हें मेरा तार वक्तसे मिल गया होगा । श्री मॉण्टेग्युके नाम भेजे गये तारकी[१]नकल इस पत्रके साथ नत्थी है । मैंने उसे चार रोज तक रोक रखा था। मेरे जेल चले जानेके पश्चात् जिन हिदायतोंपर[२]अमल किया जाना है, उनकी एक प्रति साथमें नत्थी कर रहा हूँ । तुम्हारे पास पत्रके पहुँचने तक यहाँ बहुत-कुछ हो चुकेगा । इसलिए तुमसे केवल एक ही बात कहनेकी जरूरत समझता हूँ, और वह यह कि मेरे लिए रौलट अधिनियम के विधानसंहितामें मौजूद रहते, बाहर

 
  1. देखिए “तार : ई० एस० मॉण्टेग्युको ", २४-६-१९१९ ।
  2. देखिए "सत्याग्रहियोंको हिदायतें", ३०-६-१९१९ ।