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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जितना उठा सकता हूँ उससे बड़ा हो गया है। अगर रौलट अधिनियम रद न हुआ, पंजाबके मामलोंकी जाँचके लिए तथा स्पष्ट रूपसे बहुत सख्त सजाओंपर पुनर्विचार करानेके लिए एक मजबूत समितिकी नियुक्ति न की गई, अगर कालीनाथ रायके प्रति किया गया स्पष्ट अन्याय सुधारा न गया, अगर ट्रान्सवालके भारतीयोंकी स्वतंत्रताका भविष्य में छीना जाना रोका न गया तथा अगर भारतने स्वदेशीके कामको हाथमें नहीं लिया और उसकी कद्र नहीं की तो हमें मिलनेवाले सुधार व्यवहारतः किसी कामके न होंगे। इनमें से प्रथम चारकी जरूरत इसलिए है कि उनसे हमारी शक्तिकी परीक्षा हो जाती है, और इसलिए भी कि अंग्रेजोंकी सद्भावनाकी गहराईका भी पता चल जाता है । और हम देशके प्रति प्रेम रखते हैं या नहीं, इसका प्रमाण पाँचवी बात अर्थात् स्वदेशीसे मिल जाता है। इसीलिए आजकल मैं अपनी सम्पूर्ण शक्ति इन चीजों पर केन्द्रित कर रहा हूँ। और चूँकि मैं सत्याग्रहके अलावा प्रतिरोध करनेके और किसी रूपकी कल्पना नहीं कर सकता, इसलिए मैं उसे, यदि ईश्वरने चाहा, अगले सप्ताह आरम्भ कर रहा हूँ । हिंसाके फिरसे भड़क उठनेके सम्बन्धमें जितनी सावधानी बरतनी सम्भव थी, उतनी बरत चुका हूँ। मैंने अधिकारियोंको सूचित कर दिया है कि मैं क्या करने जा रहा हूँ और श्री मॉण्टेग्युके पास भी तार भेज दिया है।

जेल जानेके पश्चात् मैं जो हिदायतें छोड़ जाना चाहता हूँ उनकी एक प्रूफ-प्रतिलिपि आपके पास इस पत्रके साथ भेज रहा हूँ। जो अन्य जानकारी मैं आपको देना चाहता हूँ वह भी आपको इन्हीं हिदायतों में मिल जायेगी ।

कृपया श्रीमती जिन्नासे कहें कि मैं आशा कर रहा हूँ कि जब वे वापस आयेंगी तब वे चरखा वर्ग में भरती हो जायेंगी । इस वर्गको श्रीमती बैंकर सीनियर और श्रीमती रमाबाई, एक पंजाबी महिला, चला रही हैं। मुझसे आप वादा कर ही चुके हैं कि आप जल्दीसे-जल्दी हिन्दी व गुजराती सीख लेंगे। तो क्या मैं यह सुझाव दूँ कि मैकॉलेकी तरह आप वापसी यात्रामें यह काम कर डालें ? आपको जहाजकी यात्रामें मैकॉलेकी तरह छ: महीनेका समय तो नहीं मिलेगा परन्तु आपको उस कठिनाईका भी सामना न करना होगा जिसका उन्हें करना पड़ा था । आशा है आप दोनों विलायतमें जितने दिन ठहरेंगे, स्वस्थ रहेंगे।

अगर आपको अवकाश मिले तो सरसरी तौरसे 'यंग इंडिया' पढ़ जाइयगा । यह अखबार अलगसे भेजा जा रहा है । उसकी छपाई भद्दी है क्योंकि अभी तक मुझे प्रशिक्षित सहायक नहीं मिल पाये हैं। इस बीच उदारमना ग्राहकोंको असुविधा जरूर हो रही है, फिर भी मैं कुछ सहायक तैयार कर रहा हूँ ।

हृदयसे आपका,
मो० क० गांधी

अंग्रेजी (एस० एन० ६६९८) की फोटो- नकलसे ।