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पत्र : चक्रवर्ती राजगोपालाचारीको

सके तो आन्दोलनको बड़ा बल मिलेगा। यदि आप आन्दोलनमें शामिल हो सकें तो मैं चाहता हूँ कि आप हमारे कार्यके इसी पहलूमें मदद दें । इस कामका राजनीतिसे कुछ लेना-देना नहीं है, और अगर आप इन प्रतिज्ञाओंमें से कोई प्रतिज्ञा लें, अथवा ऐसा नहीं करनेपर इसके सहयोगी ही बन जायें तो इसको मैं बहुत बड़ी चीज मानूँगा । साथमें आपके देखनेके लिए सर स्टैनली रीडका[१] एक पत्र भेज रहा हूँ ।

हृदयसे आपका,

अंग्रेजी (एस० एन० ६७१७) की फोटो नकलसे ।


३८८. पत्र : चक्रवर्ती राजगोपालाचारीको[२]

जुलाई ३, १९१९

कालीनाथ रायके प्रश्नके साथ आपको दक्षिण आफ्रिकाका प्रश्न अवश्य जोड़ देना चाहिए और श्री नटेसन, दीवान बहादुर तथा भिन्न-भिन्न संस्थाओंके प्रतिनिधियोंको आपको पुनः इकट्ठा करना चाहिए। मैं देखता हूँ कि हमें सत्याग्रहके कार्यक्षेत्रका विस्तार करना होगा और उसमें जीवन के सभी क्षेत्रों और अन्य सभी प्रश्नोंका समावेश करना होगा । [ सत्याग्रह ] सभाका विधान बदलने और उसे स्थायी संस्था बनानेकी बात मैं गम्भीरतापूर्वक सोच रहा हूँ । [ अभी तो ] सारी चीज बहुत अस्पष्ट है।

दक्षिण आफ्रिकाके प्रश्नके कारण हमारा ध्यान अपने आन्दोलनके इस पहलूकी तरफ बरबस आकृष्ट हुआ है । हम किसी दलसे बँधे नहीं हैं, इसलिए हमारा कर्त्तव्य है कि जहाँ-जहाँ सम्भव हो, और जिन प्रश्नोंके बारेमें मतभेद न हो अथवा उत्पन्न न हो सकता हो, वहाँ-वहाँ सब दलों अथवा संस्थाओंको एक ही मंचपर लायें ।

करनेवाले प्रस्ताव पास दक्षिण आफ्रिकाके प्रश्नपर अखबारोंको मैंने जो पत्र लिखा है, उसे आप देखेंगे ही । हमें सभाएँ करनी चाहिए और सरकारसे अपना कर्त्तव्य पालन करनेका आग्रह करने चाहिए। भारत-मन्त्रीके नाम भी तार देने चाहिए। आप देखेंगे कि 'टाइम्स ऑफ इंडिया' हमारी तरफ आ गया है। इस विषय में आपको उधरके अंग्रेजोंको अपने पक्षमें करनेकी कोशिश करनी चाहिए। मैं रौलट कानूनके बारेमें अब भी वाइसरायके साथ पत्र-व्यवहार कर रहा हूँ; इसी कारण सविनय अवज्ञा शुरू करनेमें विलम्ब हुआ है। पंजाब जाने के लिए प्रयत्न करनेका मेरा विचार नहीं है, किसी अन्य स्थानसे बम्बई प्रान्तकी हद पार करूँगा | पंजाबके मामलेमें [ सरकारको ] औपचारिक रूपसे मुकदमा चलानेकी चुनौती देना मुझे उचित नहीं

 
  1. देखिए परिशिष्ट ४ ।
  2. चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (जन्म १८७९- ), प्राक-स्वातन्त्र्य युगमें कांग्रेसके वरिष्ठ नेताओं में से एक; गांधीजीके सहयोगी; भारतके प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल ।