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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

क्या करना होगा। जैसा ट्रान्सवालमें हुआ था, यहाँ भी वैसा ही होने लगा है। २,५०० रुपयेकी जो रकम आई है, उसे सत्याग्रहके खाते में चढ़ा लेना। उसका उपयोग मेरी इच्छानुसार लड़ाईके कामोंमें किया जायेगा। चि० मगनलाल जहाँ हो वहाँ उसे लिखना कि वह कमसे कम एक दिन गोंडलमें व्यतीत करके आये। रणछोड़भाईसे मिले, और बातचीत करे। यदि वे रूबरू की इस बातचीत के बाद योग्य समझें तो कुछ काम तो तुरन्त कर सकते हैं। खड्डी आदिके सम्बन्धमें भी सहायता कर सकते हैं। मेरी समझमें हमें बहुत सारी खड्डियोंकी जरूरत पड़ेगी।

अनसूयाबेनका यह कहना मुझे याद है कि अम्बालाल भाईकी ओरसे तुम्हें कुछ पैसे दिये गये हैं। सोमनाथ रूपजीके सम्बन्धमें गिरजाशंकरसे मिलना । वे जैसा कहें वैसा करना।

आशा है, तुम दोनोंकी तबीयत ठीक होगी ।

मुझे ऐसा लगता है कि इस सप्ताह में वहाँ नहीं आ सकूंगा। मेरी समझमें मुझे बम्बईमें उपस्थित रहना चाहिए। बहुत करके मैं आगामी शनिवारको निकलकर वहाँ आ सकूँगा।

लड़ाईकी खबर आश्रममें सबको देना।

बापूके आशीर्वाद

गुजराती पत्र (एस० एन० ६७४३) की फोटो - नकलसे।


४०३. भाषण : बम्बई में दक्षिण आफ्रिका के भारतीयोंपर[१]

जुलाई १३, १९१९

आज जिस प्रश्नपर विचार करनेके लिए हम इकट्ठे हुए हैं वह बहुत ही महत्त्वका है। साथ ही—उस सम्बन्धमें जल्दी निर्णय करनेकी भी आवश्यकता है। यदि हम किसी भारतीयके दुःखमें भाग लेनेको तैयार न हों तो यह कहा जा सकता है कि हम लोग स्वतन्त्र होनेके योग्य नहीं हैं। दक्षिण आफ्रिकाके भारतीयोंकी कठिनाइयोंको वे ही जान सकते हैं जिन्होंने वहाँ रहकर उन कठिनाइयोंको भोगा है। दक्षिण आफ्रिकामें भारतीय बहुत वर्ष पहले ही चले गये थे। उस कालमें मोरक्कोके रास्ते से आना-जाना होता था। चालीस वर्षसे बहुतसे भारतीयोंने शर्तबन्द होकर गिरमिटियोंके रूपमें वहाँ जाना शुरू कर दिया था। बाद में वे वहाँ अपनी गिरमिटकी अवधि समाप्त होनेपर स्वतन्त्र व्यक्तियोंकी तरह बसने लगे। और इनकी जरूरतका सामान मुहैया करनेके लिए हमारे यहाँसे कुछ भारतीय मेमन भाई व्यापारके उद्देश्यसे वहाँ गये।

जिस समय ट्रान्सवालमें सोनेकी खानें मिलीं उस समय आसपाससे बहुत सारे अंग्रेजोंने आकर परिस्थितिका लाभ उठाया और मन-माना कमाया भी। कुछ भारतीयोंने भी

 
  1. होमरूल लीगके तत्त्वावधान में आयोजित इस सभाकी अध्यक्षता श्री फैज० बी० तैयबजीने की थी।