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पत्र : अखबारोंको

मुसीबतोंका स्मरण करके जो दुःख होता है वैसा किसी और बातपर कभी नहीं हुआ । यह बात उन्होंने १८९९ में कही थी। श्री गांधीने कहा, दक्षिण आफ्रिकामें रहनेवाले हमारे देशवासियोंकी दशा १८९९ की अपेक्षा बदतर तो हरगिज नहीं होने देनी चाहिए। उनकी दशा युद्धके पूर्व जैसी थी, होनी तो उससे अच्छी ही चाहिए थी परन्तु इसके बिलकुल विपरीत, हम देखते यह हैं कि ट्रान्सवालके भारतीयोंकी स्थिति इस नये अधिनियमके फलस्वरूप भूमिस्वामित्व अथवा व्यापारका अधिकार प्राप्त करनेके सम्बन्धमें और भी ज्यादा खराब हो गई है । उस देशमें १८९९ के पूर्व वे ब्रिटिश एजेंटकी सहायतासे उन अधिकारोंका उपभोग करते थे। उस समय वे स्वतन्त्रतापूर्वक अपना व्यापार कर सकते थे, जमीनें गिरवी रख सकते थे और भूमिके स्वामी भी बन सकते थे । परन्तु इस कानूनका मंशा तो उन्हें उक्त दोनों अधिकारोंसे वंचित कर देना है ।

जनरल स्मट्स तथा मेरे बीच जो समझौता हुआ था उसकी शुद्ध कानूनी व्याख्यापर आग्रह किये जानेके प्रश्नपर मुझे स्वर्गीय हेनरी कैम्बेल बैनरमैनका स्मरण हो रहा है जिन्होंने लॉर्ड किचनरसे बोअर लोगोंके साथ सुलह करनेके विषयमें कहा था कि समझौतेका अर्थ कमजोर पक्षके दृष्टिकोणसे लगाया जाना चाहिए। श्री गांधीने कहा, मेरा निवेदन है कि इस समझौतेका अर्थ भी उसी उदारतापूर्ण भावनासे अर्थात् भारतीयोंके, दृष्टिकोणको सामने रखकर किया जाना चाहिए। क्योंकि इस मामलेमें उनका पक्ष कमजोरों का है ।

आगे बोलते हुए श्री गांधीने कहा, परमश्रेष्ठ वाइसराय महोदय भारतीयों के पक्ष में यथासम्भव पूरा जोर लगा रहे हैं। इस विषय में उन्होंने सम्राट्की सरकारको जोरदार पत्र भेजा है । समस्त भारतका यह कर्त्तव्य है कि वह परमश्रेष्ठका समर्थन करे । आशा है कि परमश्रेष्ठ शीघ्र ही एक वक्तव्य द्वारा सूचित करेंगे कि वे कौन-कौनसे कदम उठा चुके हैं और आगे क्या उठायेंगे ।

[ अंग्रेजीसे ]
बॉम्बे क्रॉनिकल, १९-७-१९१९

४१५. पत्र : अखबारोंको[१]

लैबर्नम रोड
बम्बई
जुलाई २१, १९१९

भारत सरकारने बम्बईके गवर्नर महोदयकी मारफत मुझे गम्भीर चेतावनी दी है[२]कि सविनय कानून-भंग फिरसे शुरू करनेका परिणाम सार्वजनिक सुरक्षाके लिए भयंकर

  1. सत्याग्रह स्थगित करनेके सम्बन्धमें; यह पत्र २२-७-१९१९ के न्यू इंडिया तथा उसी तारीखके बॉम्बे क्रॉनिकलमें भी प्रकाशित हुआ था ।
  2. यह पत्र नीचे दिया जाता है :
प्रिय श्री गांधी,

आपको यह सूचित करना मेरा कर्तव्य है कि भारत सरकारने वम्बईके गवर्नर महोदयसे कहा है कि वे आपको इस बातसे आगाह कर दें कि फिरसे कानूनकी अवज्ञा अथवा उसके प्रचारकी दिशामें