पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 15.pdf/५५०

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
५२०
सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मुझे यह प्रतीति हो जाये कि पीड़ा और मृत्यु क्षणजीवी छाया-मात्र हैं; तुम्हारे सत्य और मेरे मध्य जो आसुरी शक्तियोंका प्रसार है वह सूर्योदयसे पहलेका कुहरा- मात्र है। जन्म-जन्मान्तरोंके लिए तो एक तुम्हीं मेरे हो और शरीर-बलका वह गर्व जो अपनी विभीषिकामें मेरे पौरुषकी खिल्ली उड़ानेका साहस करता है, तुम्हारे सामने क्षुद्र है ।

(२)

मेरी प्रार्थना है कि प्रेमके बलपर प्राप्त होनेवाला वह सर्वश्रेष्ठ साहस मुझे दो जिसे पाकर वाणी, कृति और सहनशीलतामें मैं तुम्हारी इच्छाका अनुसरण कर सकूँ; सर्वस्व त्याग सकूं या परित्यक्त बनकर रह सकूँ ।

मेरी प्रार्थना है कि मुझे प्रेमसे प्राप्त होनेवाली वह सर्वोच्च आस्था प्रदान करो जो मृत्युमें जीवन, पराजयमें विजय और सौन्दर्यकी भंगुरतामें शक्तिको अन्तर्निहित देखती है, जो व्यथामें गौरव देखती है और प्रहारको सह लेती है किन्तु बदलेमें प्रहार नहीं करती ।

हृदयसे आपका,
रवीन्द्रनाथ ठाकुर

अंग्रेजी (जी० एन० ४५८३) की फोटो नकलसे ।

परिशिष्ट २

सत्याग्रह पुस्तिका संख्या-१

हेनरी थोरो (मैसेच्युसेट्सके अध्यापक) द्वारा सन् १८४९ में लिखित "द ड्यूटी ऑफ सिविल डिसओबिडिएन्स" के उद्धरण :--

"कमसे कम शासन करनेवाली सरकार सर्वोत्तम सरकार होती है", में इस आदर्श वाक्यको हृदयसे स्वीकार करता हूँ। और में इस बातके लिए उत्सुक हूँ कि अधिक तेजीके साथ और व्यवस्थापूर्वक इसपर अमल किया जाये । अमलमें लाये जानेपर अन्ततोगत्वा उसका रूप यह हो जाता है और उसके इस रूपपर भी मेरी आस्था है— "जो शासन ही नहीं करती वह सरकार सर्वोत्तम है ।" और जब लोग इसके लिए तैयार हो जायेंगे तब उन्हें इस प्रकारकी सरकार मिलेगी भी। सरकार बहुत हुआ तो काम चलाने के लिए किया गया एक अस्थायी प्रबन्ध—भर है । किन्तु आमतौर पर ज्यादातर सरकारें और कभी—कभी तो सारी सरकारें इस तरह भी उपयोगी सिद्ध नहीं होतीं । स्थायी सेना रखनेके विरुद्ध बहुत-सी बातें कही जाती हैं, और वे महत्त्वपूर्ण भी हैं, तथा इस योग्य हैं कि सुनी जायें; स्थायी सरकारके विरुद्ध भी वे बातें कही जा सकती हैं। स्थायी सेना तो अस्थायी सरकारकी भुजा ही है । तब फिर सरकार भी, जो केवल एक साधन है जिसे कि लोगोंने अपनी इच्छाओंको कार्यरूपमें परिणत करनेके माध्यमके रूपमें चुना है, वैसी ही दूषित और विकृत भी हो सकती है ...।