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३४. पत्र : जमनालाल बजाजको

अहमदाबाद
श्रावण कृष्ण ७ [ अगस्त २८, १९१८ ]

भाई जमनालालजी,[१]

आपका पत्र और ५,००० रुपयेकी हुंडी मिले हैं। देरी होनेसे कुछ हानि नहि हुई,मेरी तबीअतके लिये निश्चित रहना। दिन प्रतिदिन अच्छी होती जाती हैं। और थोडा रोज तक बिछाने में रहना पडेगा । अशक्ति बहुत आ गई है ।

आपका
मोहनदास गांधी

पाँचवें पुत्रको बापूके आशीर्वाद

३५. भारतीय और ट्रान्सवाल

अगस्त २९, १९१८

श्री गांधी २९ अगस्तको समाचारपत्रोंको लिखते हैं:

ब्रिटिश भारतीय संघ,ट्रान्सवालके अध्यक्ष,श्री अहमद मुहम्मद काछलियाने अपने एक तारमें मुझसे ट्रान्सवाल जानेके इच्छुक शिक्षित भारतीयोंका ध्यान इस तथ्यकी ओर आकर्षित करने को कहा है कि ट्रान्सवालकी स्थानीय जनताकी आवश्यकताओंके खयालसे उस उपनिवेशमें छ:व्यक्ति प्रवेश कर सकते हैं। यदि प्रेसीडेंसीमें इसके लिए इच्छुक लोग हों तो उनको अपनी शैक्षणिक तथा अन्य योग्यताएँ, अपनी अवस्था और निवासके स्थानका ब्यौरा देते हुए अपने प्रार्थनापत्र अध्यक्ष, ब्रिटिश भारतीय संघ,ट्रान्सवाल, पो० बॉक्स संख्या ६५२२,जोहानिसबर्गके पतेपर ३० अक्तूबर,१९१८ या उसके पहले अध्यक्ष तक पहुँचा देने चाहिए ।

[ अंग्रेजीसे ]
इंडियन रिव्यू, सितम्बर, १९१८
  1. १.जमनालाल बजाज (१८८९-१९४२ ); प्रसिद्ध गांधीवादी उद्योगपति जिन्होंने गांधीजीकी रचनात्मक योजनाओं में भरपूर सहयोग दिया; गांधीजीके निकटतम साथियों और सलाहकारोंमें से एक।