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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

गुजरती है। सक्रिय सत्याग्रहकी गरिमामें ही इस्लामका भविष्य, भारतका भविष्य और प्रकारान्तरसे अली बन्धुओं का भविष्य निहित है।

[ अंग्रेजीसे ]

नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया : होम, पोलिटिकल-- ए, अक्तूबर १९१९, संख्या ४२६-४४०

४८. पत्र : जी० ई० चैटफील्डको

लैबर्नम रोड, गामदेवी

बम्बई

अगस्त २८, १९१९

प्रिय श्री चैटफील्ड,

गवर्नर महोदयने घोषणा की है कि यदि मिल मजदूरों और ऐसे ही अन्य मजदूरोंके सहयोग से अच्छे किस्मके मकान बनाये जायें तो वे उसमें अपनी शक्ति भर हर तरह की मदद के लिए इच्छुक हैं। इस घोषणाको दृष्टिमें रखते हुए अनसूयाबेनको एक बात सूझी है और वे चाहती हैं कि में उसे आपके सामने रख दूं। दरियापुर- काजीपुर क्षेत्रमें दूधेश्वर रोडपर दिल्ली दरवाजेके बाहर स्थित एक सरकारी जमीन पड़ी हुई है। उसका खसरा- नम्बर ४४१ है। यदि वह जमीन एक दीर्घकालीन पट्टेपर दे दी जाये, तो अनसूयाबेन कुछ मजदूरोंके साथ मिलकर उसपर उनके लिए ठीक मकान और उनके बच्चोंके लिए स्कूलकी एक इमारत खड़ी करनेके लिए तैयार हैं। उनका खयाल स्कूल और मकान एक ही जगहपर बनवानेका है। मुझे बतलाया गया है कि इस योजनामें कई मिल मजदूर अपनी बचतकी रकम लगाने को तैयार हैं। आपको शायद मालूम न हो कि अनसूयाबेन पहलेसे ही सहकारी समितियोंके पंजीयक श्री यूबैंकके सहयोगसे एक-दो सहकारी समितियाँ चला रही हैं। चूँकि उक्त समितियोंको काफी हदतक सफलता मिली है, इसलिए अब वे इस दिशामें आगे बढ़कर आपकी सहायता से उपर्युक्त प्रयोग कर देखना चाहती हैं। यदि आपको यह प्रस्ताव पसन्द आये -- मैं समझता हूँ कि पसन्द आयेगा -- और यदि आप इसके बारेमें अनसूयाबेनसे अधिक विस्तारके साथ बात करना चाहें, तो उन्होंने कहा है कि उनको एक पुर्जा लिख भेजने भरसे वे आपसे जाकर मिल लेंगी। लेकिन यदि आप इसके बारेमें पत्र-व्यवहारके बजाय मेरे और उनके, दोनोंके साथ बैठकर चर्चा करना ज्यादा पसन्द करें तो लिखिये। आपका पत्र पाकर में आपको अपने अहमदाबाद पहुँचनेकी ठीक-ठीक तिथि लिखूंगा।

हृदयसे आपका,

मो० क० गां०

[ पुनश्च : ]

मैं अगले सोमवारको अहमदाबाद पहुँच रहा हूँ।

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६८२७) की फोटो नकलसे।