पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 16.pdf/१०९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।

४९. पत्र : श्रीमती क्लेटनको

लैबर्नम रोड, गामदेवी

बम्बई

अगस्त २८, १९१९

प्रिय श्रीमती क्लेटन[१],

आशा है, मेरे वायदेके मुताबिक गोधराके मेरे भाषणका सारांश आपको मिल गया होगा। एक महिला शिक्षिकाको कताईकी कक्षा खोलनेके लिए गोधरा भेज दिया गया है। आशा है, आप स्वयं कातना शुरू करके उस कक्षाको प्रोत्साहन देंगी। श्रीमती देसाई जो इस समय गोधरामें हैं, लेडी दिनशा पेटिटको कातना सिखाती रही हैं। मैं कातनेमें बहुत ज्यादा समय देने को नहीं कहता। अगर रोज आधा घण्टा भी दें तो काफी होगा; वह गरीबों और जरूरतमन्दोंके लिए आपकी निःशुल्क सेवा होगी।

कृपया श्री क्लेटनको मेरी याद दिलाइये और उनसे कहिये कि उन्होंने बेगारके सम्बन्ध में नोटिस जारी कराने में जो तत्परता दिखाई, उससे मुझे बहुत अच्छा लगा है।

हृदयसे आपका,

टाइप की हुई दफ्तरी अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६८२८) की फोटो -नकलसे।

५०. पत्र : डॉ० सत्यपालको

लैबर्नम रोड, गामदेवी

बम्बई

अगस्त २८, १९१९

प्रिय श्री सत्यपाल[२],

आपका पत्र पाकर बड़ी प्रसन्नता हुई। मैं इस मामलेमें अवश्य यथासम्भव शीघ्र ही कुछ करूँगा। आप कृपया सभी नेताओंको बतला दीजिये कि अभी इस समय मुझे सर्वाधिक चिन्ता पंजाबकी स्थितिके बारेमें है और में इसी कामको प्रमुखता दे रहा हूँ। आप उनको और विशेषकर उन महिलाओंको जिनके पति निर्दोष होते हुए भी इस समय जेलोंमें पड़े हैं मेरी ओरसे आश्वस्त कर दीजिये कि मैं उनके लिए न्याय हासिल करनेमें कोई कसर उठा नहीं रखूंगा। मेरे लिये ऐसे समय जबकि पंजाबके इतने सारे नेता जेलोंमें पड़े हैं और वह भी केवल इस अपराधके कारण कि उन्होंने अपनी

  1. गुजरातके पंचमहाल जिलेके कलक्टरको पत्नी।
  2. पंजाबके कांग्रेसी नेता; रौलट कानून विरोधी आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया।