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पंजाबकी स्थिति

समाये हुए हैं। अंग्रेजी कानूनकी पुस्तकोंमें हमें स्थान-स्थानपर न्यायाधीशोंका यह कथन उद्धृत मिलता है कि एक भी निर्दोष व्यक्ति मारा जाये इससे कहीं अधिक अच्छा तो यह होगा कि सौ अपराधी छूट जायें। यह सत्य है। हमें इस सिद्धान्तपर दृढ़ रहना चाहिए। इसलिए नडियादवासियोंको हमारी आग्रहपूर्ण सलाह है कि उन्हें उपर्युक्त दण्डसे छूटनेके लिए सतत प्रयास करना चाहिए तथा स्थितिकी सही जानकारी देनेवाले आवेदनपत्र तैयार करके सरकारको भेजने चाहिए। बारेजडीके लिए अलग दलीलकी जरूरत नहीं है। नडियादकी अपेक्षा उसका मामला कहीं ज्यादा मजबूत कहा जा सकता है। बारेजडीके जमींदार यदि बारेजडी स्टेशनपर हुई घटनाओंके लिए उत्तरदायी ठहराये जा सकते हैं तो फिर उन्हें वीरमगाँव तथा अहमदाबादके स्टेशनोंपर हुई घटनाओंके लिए जिम्मेदार क्यों नहीं माना जा सकता? जबतक स्टेशनपर हुई घटनाओंसे जमींदारोंका कोई सम्बन्ध सिद्ध नहीं हो जाता तबतक उन्हें कदापि उत्तरदायी नहीं माना जा सकता। उन्हें भी आवेदनपत्र देने चाहिए। हम आशा करते हैं कि गुजरातके अन्य स्थानोंके लोग इन दोनों स्थानोंके लोगोंकी पूरी-पूरी मदद करेंगे। इसके साथ ही हम सरकारसे प्रार्थना करते हैं कि उसने नडियाद और बारेजडीके लिए जो अनुचित हुक्म जारी किया है उसे वापस ले ले।

[गुजरातीसे]

नवजीवन, ७-९-१९१९

६६. पंजाबकी स्थिति

गरजने वाले बादल आखिर बरसे ही। जिस पंजाब आयोगके नियुक्त किये जानेकी बात चल रही थी, वह नियुक्त किया जा चुका है। इस आयोग में लॉर्ड हंटर, श्री रैनकिन, श्री राइस, सर चिमनलाल सीतलवाड, साहबजादा सुलतान अहमद तथा सर जॉर्ज बैरोकी नियुक्ति हुई है। यह आयोग अप्रैलमें पंजाब, बम्बई आदिमें जो घटनाएँ हुईं उनके कारणोंको तथा उस सम्बन्धमें सरकारने जो कदम उठाये उनकी भी जाँच करेगा तथा उनपर अपनी राय देगा। आयोग अगले महीनेसे अपनी बैठकें आरम्भ करेगा। यह बात माननीय वाइसराय महोदयने विधान परिषद्का उद्घाटन करते समय जो भाषण दिया था, उससे प्रकट होती है। लॉर्ड इंटर सन् १९१०-११में स्कॉटलैंडके महान्यायवादी (सॉलिसिटर) जनरल थे। श्री रैंकिन कलकत्ता उच्च न्यायालयके न्यायाधीश हैं। सर चिमनलाल सीतलवाडसे सब गुजराती परिचित हैं। साहबजादा सुलतान अहमद, इंडिया कौंसिल के सदस्य साहबजादा आफताब अहमदखांके भाई हैं। उन्होंने ग्वालियर राज्यके न्याय विभागमें एक लम्बे अर्सेतक नौकरी की है। श्री राइस वरिष्ठ सरकारी नौकर हैं तथा बर्मामें कुछ वर्षोंतक मुख्य सचिव रहे हैं। सर जॉर्ज बैरो मेजर जनरल हैं। इस प्रकार आयोग में हर विभागके व्यक्ति नियुक्त किये गये हैं और यह कहा जा सकता है कि [आयोगके संगठनमें] सन्तुलन ठीक है। सदस्य स्वतन्त्र