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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

जो राजनीतिक परिषद् हुई उसमें इसके बारेमें काफी चर्चा हुई थी। और अब जहाँ-तक पंच महालका सवाल है इस समस्याका समाधान हो गया है। पंच महालके कलक्टर महोदय श्री क्लेटनने जो परिपत्र निकाला है उसके लिए उन्हें तथा गोधरा होमरूल लीगके व्यवस्थापकोंको बधाई दी जानी चाहिए। श्री क्लेटनने स्थानीय होमरूल लीगकी समिति के साथ बातचीत करनेके बाद तुरन्त ही अपना निश्चय प्रकाशित कर दिया यह बात सचमुच सराहनीय है। अपने आदेशमें उन्होंने स्पष्ट तौरसे बताया है कि कोई भी व्यक्ति बाजारके भावसे कम दाम लेकर अधिकारी-वर्गकी सेवा करनेके लिए बँधा हुआ नहीं है और यदि कोई भी अधिकारी लोगोंपर [इसके लिए] दबाव डालेगा या उन्हें हैरान करेगा तो वह सजाका पात्र होगा। यह घटना इस बातका एक बढ़िया उदाहरण है कि अधिकारी तथा प्रजा परस्पर बातचीत करके बेगार- जैसे उलझे हुए मामलेको भी सुलझा सकते हैं। हमें उम्मीद है, अब पंच महालमें बेगारकी बुराईके खिलाफ कोई शिकायत नहीं रह जायेगी तथा अधिकारी लोग श्री क्लेटनके हुक्मकी पूरी-पूरी तामील करेंगे। इसके साथ ही हम यह भी सुझाना चाहेंगे कि जब उचित दाम मिलें तब लोगोंको अधिकारियोंकी योग्य सेवा कर देनी चाहिए। सरकारी अमलदार जब दौरा करने निकलें तब उनकी सहायता करना, उनकी आवभगत करना हमारा फर्ज है तथा प्रजाको मित्र मानकर जोर-जबरदस्तीसे नहीं बल्कि विनयसे एवं पूरे दाम बेकर काम लेना अधिकारियोंका फर्ज है। झूठी खुशामद, जी-हजूरी तथा भीरुता - ये सब सर्वथा त्याज्य हैं। लेकिन उद्धतता तथा अविनय भी उतने ही त्याज्य हैं।

स्वर्गीय सेठ दाऊद मुहम्मद[१]

दक्षिण आफ्रिका प्रसिद्ध नेता सेठ दाऊद मुहम्मदके सम्बन्धमें श्री गांधीने समाचारपत्रोंमें[२] जो लेख लिखा है उसे सब लोगोंने पढ़ा होगा। उनकी मृत्युसे दक्षिण आफ्रिका के भारतीयोंकी बहुत भारी क्षति हुई है, इसमें सन्देह नहीं। सेठ दाऊद मुहम्मद सूरतके आसपासके गाँवके निवासी थे। अतः उनपर गुजरात अभिमानका अनुभव करे तो इसमें आश्चर्यकी कोई बात नहीं होगी। श्री दाऊदकी चतुराई और कार्यदक्षता ऐसी थी कि यदि वे यूरोपमें पैदा हुए होते तो वे एक प्रसिद्ध व्यक्ति होते। हिन्दुस्तान तो उन्हें बहुत ही कम जानता है। सामान्य परिस्थितिमें पल-पुसकर जिसने बिलकुल निरक्षर होनेके बावजूद लाखोंका व्यापार चलाया, अपनी छत्रछाया में अनेकोंको तालीम दी और पाला-पोसा, जिसने लोकसेवामें अपनी उत्तरावस्था व्यतीत की, जिसने अपने पुत्रको अच्छी शिक्षा दी और जिसने अपनी शक्ति से हजारों व्यक्तियोंपर अपना प्रभुत्व जमाया वह व्यक्ति और क्या करता जिससे उसे ख्याति मिलती? अनेक प्रसिद्ध व्यक्तियोंको झूठमूठ की कीर्ति मिली है और जिन्होंने ख्याति प्राप्त नहीं की ऐसे

  1. नेटालके भारतीय समाजके एक नेता। नेटाल भारतीय कांग्रेसके सभापति और सत्याग्रही।
  2. देखिये "पत्र अखबारोंको", ३०-८-१९१९