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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

इतना ही कहना पर्याप्त समझता हूँ कि सूत कातना हमारा प्राचीन और परम्परागत धन्धा माना गया है और इसमें रानियाँतक जुटी रहती थीं। कातनेका काम सीखना अत्यन्त सहल है। कोई भी सामान्य बढ़ई कातनेका उपकरण बना सकता है और उसपर यदि करोड़ों बहनें सूत कातें तो भी, स्थिति यह है कि उसकी सारी खपत केवल हिन्दुस्तान में ही हो सकती है; फिर यह क्षणिक प्रवृत्ति न होकर [सदा चलती रह सकती है क्योंकि वस्त्र] लगभग अनाजके समान ही उपयोगी वस्तु है। सूत कातनेमें किसी बड़े शारीरिक बलकी आवश्यकता भी नहीं है और इस कार्यको जब चाहे छोड़ा या आरम्भ किया जा सकता है; इसलिए इसे फुरसतमें किया जानेवाला धन्धा भी कह सकते हैं। यदि कुछ समझदार बहनें इस प्रवृत्तिको चलायें तो मैंने ऊपर जिन अत्याचारोंका वर्णन किया है, वे बन्द हो जायें तथा किसी बहनको अनुकूल धन्धेके अभाव में ऐसा काम करनेके लिए न जाना पड़े जिसे करनेमें उसके शीलपर तनिक भी आँच आती हो।

पाठक बहन ! बड़े घरकी महिला होनेपर भी अपनी गरीब बहनोंके सतीत्वकी रक्षा करनेकी जिम्मेदारी आपकी है। मैंने आपको जो राजमार्ग सुझाया है उसपर आप इस सप्ताह विचार करेंगी, ऐसी उम्मीद रखता हूँ। आगामी सप्ताह में यह बात बतानेकी आशा करता हूँ कि प्रत्येक बहन किस तरह मदद कर सकती है।

[ गुजरातीसे ]

नवजीवन, १४-९-१९१९

८२. बहनोंसे [-२]

[ सितम्बर १४, १९१९]

गत सप्ताह मैंने कुछ-एक उदाहरण देकर बताया था कि हमारी गलती, आलस्य अथवा लापरवाहीके कारण अनेक गरीब बहनें स्वतन्त्र धन्धके अभाव में अत्याचारका शिकार होती हैं। यहाँसे हजारों मील दूर फीजीमें सैकड़ों स्त्रियोंपर जो अत्याचार हो रहे हैं, उन्हें जानकर कँपकँपी छूटना स्वाभाविक है। उसके लिए हम फीजी सरकारको दोषी ठहराते हैं और भारत सरकारसे अनुरोध करते हैं कि वह फीजीमें होनेवाले इन अत्याचारोंको बन्द करवानेका प्रयत्न करे। यह भी हमारा कर्त्तव्य है। लेकिन हमारी आँखोंके सामने ही फीजीकी अपेक्षा बहुत अधिक संख्यामें हमारी जो बहनें कष्ट भोग रही हैं उनके बारेमें हम क्या कर रहे हैं? उनके लिए प्रस्ताव पास करके हमें सरकारसे न्याय नहीं प्राप्त होगा। उसके लिए हमें स्वयं ही यथाशक्ति कार्य करना होगा। आप सब बहनोंको सोचना होगा कि इस अत्याचारको कैसे दूर किया जाये। आपको विचार करनेमें, उपाय सुझाने में मदद करना ही इस पत्रका उद्देश्य है।

हम गत सप्ताह देख चुके हैं कि गरीब बहनोंके, और यदि मुझसे सच पूछा जाये तो चरखा सभी बहनोंके शीलका सर्वोत्तम रक्षक है। आप शायद कहेंगी: "गरीब