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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

मशीनोंके निर्माणकी प्रवृत्तिको दण्डनीय बना देता और उस उद्योगको संरक्षण देता जो इतने अच्छे हल तैयार करता कि जिसे हर आदमी चला सके।

[अंग्रेजीसे]

यंग इंडिया, १७-९-१९१९

८५. तार : सर जॉर्ज बान्र्ज़को

अहमदाबाद
सितम्बर १४, १९१९

सर जॉर्ज बान्र्ज़
शिमला

सर बेंजामिन रॉबर्टसन के दक्षिण आफ्रिका रवाना होने के सम्बन्धमें वाइसराय द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रमके गुण-दोषोंकी मेरी व्याख्यापर अनेक मित्र आपत्ति करते हैं। क्या सर बेंजामिनकी नियुक्ति आगामी दक्षिण आफ्रिकी आयोगमें दो प्रतिनिधि रखनेकी श्री मॉण्टेग्युकी उक्तिके अनुसार है या अभी उनकी नियुक्ति होनी है? यदि ऐसा है तो क्या आप उनके नामोंका संकेत दे सकते हैं। कृपया उत्तर दें।

गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें पेंसिलसे लिखे मूल अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ६४८४ बी०) से।

८६. वाइसरायका भाषण

माननीय वाइसराय महोदयने विधान परिषद्के अधिवेशनका उद्घाटन करते हुए जो भाषण दिया वह विचार करने लायक है। साधारणतः ऐसे भाषणोंसे कुछ-न-कुछ जानने-सीखनेको मिलता है। किन्तु इस भाषणमें जानने-सीखनेकी बनिस्बत सोचने-विचारने और खासकर कार्य करनेके लिए कहीं ज्यादा मसाला है। अभी तो में उनके भाषणके निम्नलिखित भागकी ओर ही जनताका ध्यान खींचना चाहता हूँ। वह इस प्रकार है : (१) टर्कीकी समस्या (२) पंजाबकी और उस सिलसिलेमें आयोग तथा 'इंडेम्निटी' की समस्या, (३) दक्षिण आफ्रिका और (४) फीजीकी समस्या।

टर्कीकी समस्या

मुझे खेदके साथ लिखना पड़ रहा है कि वाइसराय महोदयके पूरे भाषणके जिस अंशसे सबसे अधिक निराशा होती है वह है उसका टर्कीके प्रश्नसे सम्बन्धित