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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

निवासियोंकी आर्थिक तथा सामाजिक स्थिति अत्यन्त गम्भीर हो गई है। प्रस्तावम इस प्रश्नका निपटारा करनेके लिए तुरन्त ही कानून बनाये जानेकी सिफारिश की गई।

श्री सुरेन्द्रनाथ बनर्जीके नेतृत्वमें एक शिष्टमण्डल श्री मॉण्टेग्यु से मिलने गया था। उसे श्री मॉण्टेग्युने जो उत्तर दिया था उसकी कड़ी आलोचना करते हुए 'केप टाइम्स'ने लिखा है कि भारत मन्त्रीको दक्षिण आफ्रिकाके कठिन एवं सूक्ष्म प्रश्नकी पूरी जानकारी नहीं है। यह पत्र उन्हें याद दिलाता है कि ट्रान्सवालमें अभी-अभी जो कानून पास किया गया था उसमें श्री कॉलिन्सने ट्रान्सवालके तमाम हिस्सों में भारतीयोंको व्यापार करनेसे रोकने के सम्बन्धमें जो संशोधन पेश किया था उसका सरकारने खुद ही कड़ा विरोध किया था। हिन्दुस्तानने साम्राज्यकी जो मदद की है संघ संसदने उसकी बड़ी कद्र की है - श्री मॉण्टेग्युको यह बात अधिक स्पष्ट शब्दोंमें शिष्टमण्डलको बता देनी चाहिए थी और उन्हें सहानुभूतिपूर्वक यह भी स्पष्ट कर देना चाहिए था कि इस प्रश्नको सुलझानेके लिए दक्षिण आफ्रिकाकी सरकारको किन कठिनाइयोंका सामना करना पड़ता है।

[गुजरातीसे]

नवजीवन, १४-९-१९१९

८९. तार : महादेव देसाईको

अहमदाबाद,
सितम्बर १५, १९१९

महादेव देसाई

द्वारा डॉ० जीवराज
भटवाड़ी
बम्बई

पुस्तकालय सम्बन्धी पत्र-व्यवहार छापो।

गांधी

मूल अंग्रेजी तार (एस० एन० ६८७७) की नकलसे।