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पत्र : छोटालाल तेजपालको

यह नहीं होगा कि हम न्याय हासिल कर सकने में असमर्थ हैं, बल्कि यह होगा कि हम न्याय पानेके अयोग्य और अनिच्छुक हैं; क्योंकि मेरा ख्याल है कि तथ्योंपर आधारित और संयत भाषामें व्यक्त की गई जनताकी सर्वसम्मत रायके खिलाफ भारत सरकार और पंजाब सरकार भी खड़ी नहीं रह सकेगी।

[अंग्रेजीसे]

यंग इंडिया, १७-९-१९१९.

९२. तार : खिलाफत समितिको

[साबरमती]
सितम्बर १७, १९१९

तारके लिए धन्यवाद।[१] आज रवाना हो रहा हूँ। कृपया गुरुवार सुबह लैबर्नम रोडपर मुझसे मिलिए।

[मो० क० गांधी]

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६८८१) की नकलसे।

९३. पत्र : छोटालाल तेजपालको

आश्रम
साबरमती
बुधवार [ सितम्बर १७, १९१९][२]

भाईश्री छोटालाल,

आपका पत्र मिला । यदि आप मुझे तथ्यपूर्ण विवरणसे युक्त ऐसा पत्र भेजें जो 'नवजीवन 'के एक कालममें आ जाये, तो मैं उसे प्रकाशित कर दूंगा । आपने जो पत्र भेजा है वह तो बहुत ही लम्बा है।[३] फिलहाल उसे संक्षिप्त करनेका समय मेरे पास नहीं है ।

मोहनदास गांधी

छोटालाल तेजपाल

आर्टिस्ट

राजकोट

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती पोस्टकार्ड (एस० एन० २५८८) की फोटो-नकल से।

  1. तार इस प्रकार था: "बम्बईकी खिलाफत समितिके अध्यक्ष और सदस्यगण खिलाफत और मुसलमानोंके तीर्थोंकि प्रश्नपर तथा इस्लामकी वर्तमान परिस्थितिपर विचार करनेके लिए गुरुवार, १८ सितम्बर, १९१९ को बम्बई समयके अनुसार साढ़े आठ बजे शाम बैलासिस रोड स्थित मस्तान शाह टैंकपर होनेवाली बम्बईके मुसलमानोंकी एक सार्वजनिक सभामें महात्मा मो० क० गांधीको उपस्थितिके लिए अनुरोध करते हैं...कृपया उत्तर दें।"
  2. डाकघर द्वारा लगाई गई मुहरसे।
  3. देखिए "टिप्पणियाँ", ५-१०-१९१९