पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 16.pdf/२४२

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१२४. तार : स्वामी श्रद्धानन्दजीको[१]

अक्तूबर २, १९१९

स्वामी श्रद्धानन्दजी,

'प्रकाश' कार्यालय,

लाहौर

कृपया मेरे अहमदाबादके पतेपर तार द्वारा सूचित कीजिए कि उपद्रव जाँच समितिके सामने बयान दिलानेके लिए क्या किया जा रहा है। मेरा सुझाव है कि केन्द्रीय मण्डल केवल गवाहोंके बयान एकत्रित करके उन्हें समिति के सामने पेश करे। उपयुक्त वकील कर लिया जाये। मैं पंजाबमें प्रवेशानुमति पाने की कोशिश कर रहा हूँ।

हस्तलिखित अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ६९१७) की फोटो नकलसे।

१२५. तार : वाइसरायके निजी सचिवको

अक्तूबर ३, १९१९

नि० स० वा०
शिमला

'टाइम्स ऑफ इंडिया' में इस अफवाहकी खबर प्रकाशित हुई है कि सरसरी तौरपर जाँच करके निबटाये गये मुकदमोंपर न्याय-मूर्ति चिनीज और रऊफ पुनर्विचार करेंगे। नम्र निवेदन है कि इस कामके लिए इन लोगोंकी नियुक्ति से बड़ी निराशा होगी। अत्यन्त आवश्यक कि सिद्ध स्वतन्त्र वृत्तिवाले प्रसिद्ध न्यायाधीशों या वकीलोंको ही नियुक्त किया जाये और उनसे समरी अदालतोंके निर्णयोंपर ही नहीं बल्कि आयोगोंके निर्णयोंपर भी पुनर्विचार करनेको कहा जाये।

गांधी

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी मसविदे (एस० एन० ६९२०) की फोटो-नकलसे।

  1. इसी प्रकारका एक तार सी० एफ० एन्ड्यूजको ट्रिव्यून कार्यालय, लाहौरके पतेपर भेजा गया था।