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भाषण : अमृतसर में महिलाओं की सभाएँ

हकीमजीका इरादा है। हकीमजी हिन्दू-मुसलमान दोनोंपर समभाव रखते हैं। दोनों कौम उन्हें समान आदर प्रदान करती हैं। उनके राजनैतिक विचार कांग्रेससे मेल खाते हैं। उनके चुनावसे दोनों दलोंको प्रसन्नता होनी चाहिए।

[गुजरातीसे]
नवजीवन, ९-११-१९१९
 

१९२. भाषण : अमृतसरमें महिलाओं की सभा में[१]

नवम्बर ४, १९१९

बहनो,

अमृतसर न केवल मेरे लिये वरन् भारतवासी मात्र के लिए एक तीर्थ बन गया है। अमृतसरमें हमारे हाथों जो बुराई हुई है उसका प्रायश्चित्त होना असम्भव है। यद्यपि जलियाँवाला बागमें बहुत-से लोग मारे गये हैं; परन्तु यदि बागमें उपस्थित सभी मारे जाते तब भी हमको शान्त रहना चाहिए था। मेरे विचारसे खूनका बदला खूनसे लेना अनुचित है। हमारा धर्म हमें यह शिक्षा देता है कि किसीको दुःख न दिया जाये। मैं अमृतसरको इस लेखे तीर्थं मानता हूँ कि अमृतसर-निवासी भाइयोंने पिछले दिनों बड़े कष्ट झेले हैं। मुझे सरकारने बम्बईमें नजरबन्द कर दिया था, इसलिए मैं सोचता था कि कब मुझे स्वतन्त्रता प्राप्त हो और मैं अमृतसरके दर्शन करूँ। स्वतन्त्रता प्राप्त होनेपर आपके दर्शन करके कृतार्थ हुआ हूँ। मुझे जो करना चाहिए वह सत्कार्य जब मैं कर लूँगा तभी मुझे शान्ति प्राप्त होगी। आप माताओंमें से किसीका पुत्र, किसीका भाई तथा अन्य सम्बन्धी मारे गये तथा बन्दी हुए हैं उनका वियोग आपको कष्ट देता होगा, परन्तु आप इसे कष्ट न मानें; क्योंकि जबतक हम लोग कष्ट झेलनेके अभ्यस्त न होंगे तबतक हम दुःखोंसे मुक्त न हो पायेंगे। देशकी भलाईके लिए हमें सब प्रकारके कष्ट झेलने होंगे। यूरोपके गत युद्धमें अपने देशकी स्वतन्त्रताके लिए लाखों मनुष्योंको अपने प्राण बलिदान करने पड़े हैं। जबतक हम जीवनपर्यंत कष्ट झेलनेके लिए तैयार न होंगे तबतक भारत स्वतंत्र नहीं हो सकता। जो लोग मौत का सामना करने को तैयार रहते हैं वही स्वतंत्रताका सुख भोगते हैं। १८९६-९७ में पंजाब के लाखों लोग प्लेगसे मरे थे; उस समय किसीने पंजाबको तीर्थं नहीं माना। अब अमृतसर तथा पंजाबके और कई स्थान इसलिए तीर्थ बन गये हैं कि वहाँ के निवासियोंने देश-हितके अर्थ कष्ट सहन किये हैं। पंजाब भारतके उत्तरमें अवस्थित होनेके कारण भारतका मुकुट-स्वरूप है—इसलिए पंजाबियोंको स्वदेशी कपड़ेका व्यवहार न छोड़ना चाहिए, अन्य प्रान्त भले ही छोड़ दें। बम्बई में मुझे जो पंजाबी भाई मिलते रहे हैं उनसे विदित हुआ कि पंजाबमें स्त्रियाँ चरखा

  1. यह सभा अमृतसरके कांग्रेसी नेता लाला गिरधारीलालके निवास-स्थानपर हुई थी।