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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


(४) भारत या संघ में पारपत्र जारी करने में शिनाख्त सम्बन्धी या अन्य जो भी प्रतिबन्ध हैं उनमें पूरी तरह रद्दोबदल करनेकी जरूरत है।
(५) अच्छे तबकेके स्त्री या पुरुष तथा विद्यार्थियोंको दक्षिण आफ्रिकाकी यात्रा करनेकी स्वतन्त्रता होनी चाहिए।

ये मामले यदि कूटनीतिक स्तरपर नहीं सुलझाये जा सकते तो आगामी आयोग के सामने विचारार्थ रखे जानेवाले विषयोंमें शामिल किये जाने चाहिए।

मो॰ क॰ गांधी

[अंग्रेजीसे]
इंडिया ऑफिस : ज्यूडिशियल ऐंड पब्लिक रेकर्ड्स : ६१४०/१९
 

१९६. दक्षिण आफ्रिका

समाचारपत्रों में दक्षिण आफ्रिकाके सम्बन्धमें जो खबर प्रकाशित की गई है वह आश्चर्यजनक और दुःखजनक है। हमने श्री मॉण्टेग्युके कहनेपर यह मान लिया था कि दक्षिण आफ्रिकामें भारतीयोंके अधिकारोंके सम्बन्धमें जो आयोग नियुक्त किया जानेवाला है उसमें हमारे सदस्य भी होंगे। अब श्री मॉण्टेग्युने सूचित किया है कि उनके शब्दोंका गलत अर्थ निकाला गया है; भारतकी ओरसे आयोग में किसी भी व्यक्तिको नियुक्ति नहीं की जायेगी अलबत्ता सर बेंजामिन रॉबर्टसनके साथ एक गैर-सरकारी अधिकारीको भेजा जायेगा और ये दोनों भारतीयोंकी बात आयोगके सम्मुख प्रस्तुत करेंगे। इस खबरसे हमें निराशा हुई है। हमारे कहनेका अभिप्राय यह है कि जनरल स्मट्सकी धारणाको कार्यरूपमें परिणत नहीं किया जा सका; और न किसी भारतीय प्रतिनिधिको आयोगमें शामिल करना सम्भव हुआ। इसलिए हम श्री मॉण्टेग्युको मामला सुधारनेके लिए तार[१] देने को मजबूर हो गये। लेकिन आन्दोलन करके आयोग में हम अपने व्यक्तियोंकी नियुक्ति नहीं करवा सकते। श्री मॉण्टेग्यु हमारे लिए ज्यादाकी माँग कर सकते हैं, लेकिन वह न्याय किस तरहसे दिया जाना है यह तय करना तो दक्षिण आफ्रिकी सरकारके ही हाथमें है। इसलिए हम उसे अपने आयोगमें यहाँसे किसी व्यक्तिकी नियुक्ति करनेपर विवश नहीं कर सकते, फिर भी यदि सरकार श्री शास्त्रियर जैसे योग्य व्यक्तिकी नियुक्ति करती है तो वे तथा श्री रॉबर्टसन न्याय प्राप्त कराने में सफल हो सकेंगे।

हमें इससे भी अधिक चौंका देने वाली खबर यह मिली है कि आयोग सिर्फ व्यापारिक परवानोंके विषयकी ही जाँच करेगा। इतनी सीमित जाँच पर्याप्त नहीं है। इस सम्बन्धमें हमें बहुत आन्दोलन करना पड़ेगा। आयोगके हाथमें अधिक सत्ता दी जानी चाहिए। दक्षिण आफ्रिकामें भारतीयोंने सभी अधिकारों के विषयमें जाँच करनेकी माँग की है। हमारी समझमें यह स्वीकार कराना कठिन हो जायेगा; फिर भी

  1. यह तार उपलब्ध नहीं है।