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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

पैसा है उतना ही उनके पास होना सम्भव है। लेकिन उन्हें चरखेका शौक है, उन्हें सादगी भाती है। उनकी स्वतन्त्रता और उनकी मर्यादा मुझे बहुत अच्छी लगती है। पुरुष उनके प्रति बहुत आदर-सम्मानका भाव रखते हैं। मैं जब रामनगर पहुँचा तब एक मील इर्दगिर्दके स्त्री-पुरुष मुझसे मिलने आये थे, स्त्रियोंको पुरुष लोग हमेशा रास्ता दे देते थे। में इस विवेक और मर्यादाके सम्बन्धमें पहले लिख आया हूँ, वह अनुभव अभी ज्यों-का-त्यों बना हुआ है। गुजरातकी जिन बहनोंको चरखेकी उपयोगिताके सम्बन्धमें सन्देह हो उनसे में पंजाबकी बहनोंका अनुकरण करनेकी प्रार्थना करता हूँ और पुरुषोंसे, पंजाबियोंके मनमें स्त्रियोंके प्रति जो आदर भाव है, उसका अनुकरण करनेका अनुरोध करता हूँ।

साँगला हिल

हाफिजाबादसे रवाना होकर हम साँगला हिल आये। साँगला हिल एक नया गाँव है, इसलिए मुझे यहाँके लोगोंमें उपर्युक्त अन्तिम तीन गाँवोंके लोगोंके गाम्भीर्यके दर्शन नहीं हुए। लोग पुराने और प्रौढ़ निवासी नहीं, बल्कि नये बसे हुए-से जान पड़े। लेकिन उनके प्रेम-भावमें कोई कमी न थी। हम वहाँ रातको पहुँचे। हमने देखा कि सारा गाँव नन्हीं-नन्हीं मोमबत्तियोंसे जगमगा रहा था। प्रत्येक गलीमें हजारों मोम- बत्तियाँ जल रही थीं।

हमें ठाकुरद्वारेमें ठहराया गया था। लोगोंने यह मान रखा है कि मेरा स्वागत मन्दिरमें किया जाना अधिक अच्छा होगा। जिस कारणसे मुझे वजीराबादमें मन्दिरमें ठहराया गया था, साँगला हिलमें वह कारण नहीं था; वहाँ तो उनका उद्देश्य मुझे धर्म-स्थान में ठहराकर मेरे प्रति अधिक श्रद्धा प्रकट करनेका था। यद्यपि लोगोंके दिलों में मेरे प्रति मिथ्या मोह होने की बात मुझे खटकी तो भी मुझे यह सब बहुत प्रिय लग रहा था। अकालगढ़ और रामनगरकी भांति साँगलाके लोगोंका कोई अपराध न होनेपर भी उन्हें कष्ट देने में कोई बात नहीं उठा रखी गई थी।

लाहौर में

साँगलासे हम एक दिनके लिए लाहौर हो आये थे। वहाँ पंडितजीके साथ भेंट करना जरूरी था। अचानक श्री उत्तमलाल त्रिवेदी अपनी पत्नी और भांजेके साथ आ पहुँचे। वे प्रेसीडेंसी एसोसिएशन की ओरसे यह जानने के लिए आये थे कि यहाँकी कांग्रेस समितिने इंटर समितिका बहिष्कार क्यों किया। उनके साथ [मेरी] बातचीत हो सकी; पंडितजी तो उनसे बात कर ही चुके थे।

श्री नेविलसे मुलाकात

श्री नेविलको उप-समितिने [यहीं] बुलाया है। वे इंग्लैंडके प्रसिद्ध सॉलिसिटर हैं और गवाहियाँ एकत्रित करने के लिए आये हुए हैं। मेरी उनसे भी मुलाकात हुई। वे लेफ्टिनेंट गवर्नर महोदयसे मिल आये हैं और हंटर समितिकी कार्यवाहीको भी देख चुके हैं। फिलहाल तो वे पंजाबमें ही रहेंगे। पंडित मोतीलालजी स्वस्थ होकर यहाँ