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स्वदेशी में स्वराज्य


सन्तोकको भेजे बिना काम नहीं चल सकता था। तुम आशान्वित जरूर हो लेकिन ऐसे परिणाम की उम्मीद नहीं करता क्योंकि यह कार्य अत्यन्त कठिन है; प्रयत्न भले ही जारी रखा जाये। अपने लिये आश्रमके बाहर घर बनाना मुझे पसन्द नहीं होगा।

यह मानता हूँ कि आश्रममें ही ऐसे घरका बनाया जाना, जिसमें एकांत मिल सके, वांछनीय है और यह तो अपनी योजनामें आता भी है। यदि वह पुस्तकालयका एक हिस्सा हो तो पर्याप्त है।

चि॰ आनन्दलालको जो कुछ कहना हो वह सुन लिया जाये, इस उद्देश्य से मैंने तार भेजा है। मुझे नहीं लगता कि भावोंमें कुछ फेरफार किया जा सकता है। आनन्दलाल काठियावाड़ के भावोंके बारेमें विचार करते होंगे। फिर भी जान लेना ठीक ही होगा।

रसोईके सम्बन्धमें—हमें सब्जियाँ बनानेकी जरूरत नहीं है। यदि हम इसके बिना काम चला सकें और तबीयत अधिक अच्छी रख सकें तो इसमें फायदा ही है। अन्तिम स्थिति तो यही होनी चाहिए। जिस तरह हम शौच जाते समय किसी साथीकी तलाश नहीं करते उसी तरह भोजन में भी साथी नहीं खोजना चाहिए। अगर हम इसे शौच-जैसी क्रिया ही मान सकें तो हम वस्तुतः उसे भी अकेले ही करें। स्वादकी खातिर अलग रसोई पकाना हमारे लिए शर्मकी बात है। लेकिन मैं जानता हूँ कि हमारा प्रयोग, ऊपर जिन आदर्शोंकी चर्चा की गई है, उनसे प्रेरित नहीं है। इसलिए यदि इससे कुछ दुखद परिणाम निकलें तो हमें चाहिए कि हम वह प्रयोग बन्द कर

अपना कार्यक्रम तुम स्वयं ही निर्धारित करना। हम केवल इतना चाहते हैं कि हम हर उचित उपायसे अपने उद्देश्यकी पूर्ति करें।

बापूके आशीर्वाद

गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती पत्र (सी॰ डब्ल्यू॰ ५७८०) से।
सौजन्य : राधाबेन चौधरी
 

२२०. स्वदेशीमें स्वराज्य

बहुचर्चित सुधार विधेयक कुछ ही दिनोंमें देशमें कानूनके रूपमें प्रतिष्ठित हो जायेगा और यथासमय पुरानी विधान परिषदोंका स्थान नई विधान परिषदें ले लेंगी। वाइसराय महोदयने घोषणा की है कि वे बड़ी निष्ठाके साथ नई योजनाका पालन करेंगे और इसे सफल बनानेका प्रयास करेंगे। मैंने संयुक्त समिति के प्रतिवेदनके बारेमें अपनी राय अभीतक इसलिए जाहिर नहीं की क्योंकि मुझे उसमें उतनी दिलचस्पी नहीं है। एक ऐसी चीजके बारेमें हृदयमें उत्साह पैदा नहीं हो पाता जिसकी छानबीन करनेपर उसमें जनताके लाभकी कोई गुंजाइश दिखाई न दे। इसलिए जहाँतक सुधार योजनाका सम्बन्ध है मैं इतना ही कहूँगा कि हमें उसका पूरा-पूरा लाभ उठाना चाहिए और उसे वाइसरायकी भाँति, सफल बनानेके लिए निष्ठापूर्वक काम करना चाहिए। यह मूल विधेयकसे बेहतर है—ऐसा तो सभी मानते हैं।