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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

बालकृष्ण

आयरन, आर्सेनिक और कुनैन।[१] खानेके आधे घंटे बाद दो गोलियाँ निगल जाओ। एक छोटी चम्मच मालटीन[२] दूधमें डालकर दिनमें तीन बार पियो।

कसरत के रूपमें घूमना-फिरना।

दुर्गा

लिकर आर्सेनिकलिस ऐसिडस[३]

खानेके बाद दो बूँद एक गिलासमें—आधी छटाँक पानीके साथ—दिनमें दो बार। चार बूँदतक बढ़ाना। आठ दिनोंके बाद चार दिनोंके लिए छोड़ देना।

कसरत बहुत कम, घूमने जा सकती हो, [कुएँसे] पानी न भरना।

प्रभुदास

इंजेक्शन फिरसे लो। एक महीनेके बाद थोड़ी कसरत शुरू करो। पढ़ाई- लिखाई बहुत नहीं।

गांधीजी के स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती पत्र (एस॰ एन॰ ७०१४) से।
 

२२३. पत्र : बम्बई उच्च न्यायालयके पंजीयकको[४]

[दिल्ली]
दिसम्बर ११, १९१९

सत्याग्रही वकीलोंसे सम्बन्धित अहमदाबादके जिला न्यायाधीशके पत्रके प्रकाशनके बारेमें आपका पत्र प्राप्त हुआ। इस सम्बन्ध में निवेदन है कि मैंने कानूनदाँ मित्रोंकी सलाह ली है और मुख्य न्यायाधीश महोदय के सुझावपर गम्भीर चिन्तन किया है। किन्तु मुझे दुःख है कि मैं उनके द्वारा सुझाई गई क्षमा-याचना प्रकाशित नहीं कर सकता। उक्त दस्तावेज मेरे हाथमें सामान्य क्रममें आया था और चूंकि वह बहुत ही सार्वजनिक महत्त्वका था अतः मैंने उसे प्रकाशित करने और उसपर टिप्पणी करनेका निश्चय किया। अपनी तुच्छ रायमें मैंने ऐसा करके एक उपयोगी सार्वजनिक कर्त्तव्य निभाया और ऐसे समय यह कर्त्तव्य निभाया जब तनातनी बहुत बढ़ी हुई थी और न्यायपालिका भी प्रचलित पूर्वग्रहसे प्रभावित हो रही थी। कहना न होगा कि ऐसा करनेमें मेरा उन मसलोंपर पूर्वनिर्णय देनेका कोई विचार नहीं था जिनपर माननीय न्यायाधीशोंको फैसला देना था।

मैं मुख्य न्यायाधीश महोदयको यह विश्वास दिलाना चाहता हूँ कि जब मैंने वह दस्तावेज प्रकाशित करनेका निश्चय किया, उस समय में पत्रकारिताकी प्रतिष्ठाके प्रति जागरूक था और मुझे यह भी याद था कि मैं बम्बई वकील मंडलका सदस्य हूँ और इस

  1. यहाँ गांधीजीने अंग्रेजी नामोंका प्रयोग किया है।
  2. यहाँ गांधीजीने अंग्रेजी नामोंका प्रयोग किया है।
  3. यहाँ गांधीजीने अंग्रेजी नामोंका प्रयोग किया है।
  4. यह १०-३-१९२० के यंग इंडिया में भी प्रकाशित हुआ था।