पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 16.pdf/३९३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
३५९
पंजाबकी चिट्ठी—७

सूत नहीं कात सका। उसमें बुद्धि है लेकिन अनुभवका अभाव होनेके कारण वह आगे नहीं बढ़ सका। समझानेपर वह समझ गया और फिर प्रयत्न करनेके लिए कह गया है। इस चरखेको देखनेके बाद मेरे मन में यह आशा बँध गई है कि कदाचित् हम हिन्दुस्तानमें दस तकुओंवाला चरखा देख सकेंगे। कानपुरसे भी एक सज्जनने समाचार भेजा है कि उन्होंने ऐसा चरखा तैयार किया है। मुझे आशा है कि जो कारीगर यह काम जानते हैं वे मेहनत करेंगे और एक निश्चित अवधिके बीच ऐसा चरखा तैयार कर सकेंगे जो इनाम प्राप्त कर सकेगा।

यात्राका अन्त

लायलपुरकी यात्रा मेरी यात्राका अन्तिम भाग था। अभी गुजरात जिला बाकी है। लेकिन अब मैंने यह समय रिपोर्ट लिखने में लगानेका निश्चय किया है; इस पर एक सप्ताह लगानेके बाद में गुजरात जिलेके दौरेपर जानेकी आशा करता हूँ।

श्री जयकरका आगमन

श्री जयकर[१] कांग्रेस उप-समितिकी मदद करनेके लिए बम्बईसे आये हैं। वे फिलहाल श्री अब्बास तैयबजीकी[२] मदद कर रहे हैं। श्री चित्तरंजन दास अमृतसरमें काम पूरा करनेके बाद लाहौर आ गये हैं। पंडित मोतीलाल नेहरूने कांग्रेसका अध्यक्ष-पद स्वीकार कर लिया है। इसलिए कमिश्नरके पद से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया है जिसे पंडित मालवीयजीने स्वीकार कर लिया है। माननीय फजलुल हक बंगाल गये हैं, वे अभी वहाँसे वापस नहीं लौटे हैं। पंडित मोतीलाल नेहरू अपना भाषण तैयार करनेमें लगे हुए हैं। ऐसी उम्मीद की जाती है कि वे अपना भाषण उर्दू-हिन्दी में देंगे। उसका अंग्रेजी अनुवाद तैयार रहेगा और उन्हें दे दिया जायेगा जो हिन्दी या उर्दू नहीं जानते। हालाँकि उप-समिति की रिपोर्ट जल्दी तैयार हो जायेगी फिर भी उसे लॉर्ड इंटरकी समितिकी रिपोर्ट पेश हो चुकने के बाद प्रकाशित किया जायेगा। यही उचित भी है क्योंकि लॉर्ड इंटर द्वारा रिपोर्ट पेश किये जानेसे पूर्व अपनी रिपोर्टको प्रकाशित करना अविनयपूर्ण कहा जायेगा।

[गुजरातीसे]
नवजीवन, २१-१२-१९१९
  1. डॉ॰ मुकुन्दराव रामराव जयकर, वैरिस्टर; बम्बई विधान परिषद्के सदस्य १९१९ में पंजाब दमन चक्रको जाँच करनेके लिए जो कांग्रेस समिति बैठी थी उसमें गांधीजीके साथ काम किया; १९३७-३९ में संघीय न्यायालय (फेडरल कोर्ट) के न्यायाधीश; पूना विश्वविद्यालयके उप-कुलपति।
  2. अब्बास तैयबजी, गांधीजीके मित्र और भारतमें आरम्भिक सविनय अवज्ञाकी लड़ाई के प्रबुद्ध सैनिक।