तत्पश्चात् महात्मा गांधीने प्रस्ताव पढ़ा जो इस प्रकार था :
(अ) यह कांग्रेस दक्षिणी आफ्रिकामें वहाँके भारतीयोंको स्वामित्व तथा व्यापारके अधिकारोंसे—जिनका वे अबतक उपयोग करते रहे हैं—वंचित करनेके प्रयत्नोंके प्रति विरोध प्रकट करती है और आशा करती है कि भारत सरकार हाल ही में बनाये गये कानूनको रद करवायेगी और वहाँ बसनेवाले भारतीयोंकी मर्यादाकी रक्षाके दूसरे उपाय भी करेगी।
(ब) इस कांग्रेसका मत है कि पूर्वी आफ्रिकामें चलनेवाला भारत विरोधी आन्दोलन नितान्त सिद्धान्तहीन है और वह आशा करती है कि भारत सरकार भारतसे पूर्वी आफ्रिकाके लिए निर्वाध तथा अमर्यादित प्रवासके अधिकारकी तथा पूर्वी आफ्रिका—जिसमें जर्मनीसे जीता गया इलाका शामिल है—में बसनेवाले भारतीयोंके सभी नागरिक तथा राजनैतिक अधिकारोंकी रक्षा करेगी।
अंग्रेजीमें बोलते हुए महात्मा गांधीने कहा :
यह वह पत्र है जो श्री सी॰ एफ॰ एन्ड्रयूजने कांग्रेसको लिखा है। जैसा कि आप जानते हैं, इस समय वे पूर्वी आफ्रिकामें हैं और स्थितिकी जाँच कर रहे हैं। वे लिखते हैं :
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसके महानुभावो, आप उस गहरे दुःख और रोषका अनुमान लगा सकते हैं जो पूर्वी अफ्रिकाके निवासी भारतीयोंको वहाँके यूरोपीय निवासियों द्वारा दी गई चुनौतीसे मुझे हुआ है। इस पत्रके अन्तमें में इस विषयसे सम्बन्धित दो महत्त्वपूर्ण दस्तावेजोंकी नकल नत्थी कर रहा हूँ। जबसे मैंने स्वयं अपनी आँखोंसे यह देखा कि भारतीयोंके चरित्रपर किया गया प्रहार कितना अनुचित है तबसे मेरा रोष और भी गहरा हो गया है। यदि इस चुनौतीका आधार केवल आर्थिक होता तो इस आक्रमणका सामना बिना किसी प्रकारके रोषके किया जा सकता था। दूसरे लोगोंसे अधिक परिश्रमी और मितव्ययी कहलाये जानेमें किसी प्रकारका असम्मान नहीं है और अबतक भारतीय आव्रजनको रोकनेके लिए, खुले रूपमें, यही एक आधार बताया जाता था। किन्तु पूर्वी आफ्रिकामें यह नई चुनौती बिलकुल भिन्न प्रकारकी है।[१] यहाँ हमला मुख्यतः भारतीय चरित्रपर है। खुल्लमखुल्ला यह कहा जाता है कि भारतीय अपने चाल-चलनमें इतने पतित हैं कि उन्हें पूर्वी आफ्रिकाको अपने सम्पर्कसे गंदा करनेकी छूट नहीं दी जा सकती। में उन दो दस्तावेजोंसे उद्धरण दूँगा जिनमें हमपर यह भद्दा आरोप लगाया गया है। पहला एसोसिएसन्स ऑफ ईस्ट आफ्रिका नामकी एक संस्थाके—जो देशकी सबसे महत्त्वपूर्ण गैरसरकारी संस्था है और जिसे गोरोंकी संसद कहा जाता है—सम्मेलनमें की गई एक घोषणा है। घोषणाका आरम्भ इस प्रकार होता है : यह सम्मेलन सरकारको
- ↑ न्यू इंडियाकी ३०-१२-१९१९ की रिपोर्ट में यह वाक्य इस प्रकार है : किन्तु पूर्वी आफ्रिकाने एक नई चुनौती दी है और यह चुनौती बिलकुल भिन्न प्रकारकी है।