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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


तो जो कोई भी इस सिद्धान्तको अपनाता है उसे स्वयं ही यह निश्चित करना होगा कि वह कौन-सा सत्य है, जिसका वह पालन करेगा?

निश्चय ही ऐसा है।

और तब ऐसा करते हुए इस सम्बन्धमें अलग-अलग लोगोंके विचार भी अलग-अलग ही होंगे कि वह कौन-सा सत्य है जिसका पालन करना चाहिए?

अवश्य।

तो इस प्रकार इससे बहुत उलझन भी पैदा हो सकती है?

जी नहीं, मैं इससे सहमत नहीं हूँ। अगर आप यह मान लें कि कोई व्यक्ति ईमानदारीके साथ सत्यकी खोज में लगा हुआ है और वह दूसरे सत्याग्रहीके विरुद्ध हिंसाका प्रयोग नहीं करेगा तो इससे कोई उलझन पैदा होनेकी आशंका नहीं है। फिर उलझनकी कोई सम्भावना ही नहीं रहती।

कोई आदमी सत्यकी खोज ईमानदारीसे कर सकता है, लेकिन वह चाहे जितनी भी ईमानदारीसे सत्यकी खोज करे, फिर भी सत्यके सम्बन्धमें उसकी मान्यताएँ कुछ दूसरे लोगोंकी तत्सम्बन्धी मान्यताओंसे भिन्न होंगी या उसके बौद्धिक संस्कार इस ढंगके हो सकते हैं कि सत्यके सम्बन्धमें उसका निष्कर्ष किसी अन्य व्यक्तिके तत्सम्बन्धी निष्कर्षसे बिलकुल उलटा हो?

ठीक इसी कारणसे लॉर्ड इंटरके प्रश्नके उत्तरमें मैंने कहा था कि अहिंसाको अंगीकार करना तो सत्याग्रहका सिद्धान्त स्वीकार करनेका एक आवश्यक परिणाम है।

मैं यह समझता हूँ कि अहिंसाका तत्त्व सभीमें समान रूपसे उपस्थित है, लेकिन किसी व्यक्ति विशेषको किस सत्यका अनुगमन करना चाहिए, इस प्रश्नपर तो बड़ा मतभेद होगा।

अवश्य श।

श्री गांधी मेरा खयाल है कि आप यह तो मानेंगे कि कोई सत्याग्रहके सिद्धान्तका, जिस रूपमें आपने उसका वर्णन किया है उस रूपमें और जैसा आप सोचते हैं ठीक उसी तरह, सच्ची भावनासे पालन करे; इसके लिए यह आवश्यक है कि वह व्यक्ति बहुत ही उच्च कोटिके नैतिक एवं बौद्धिक संस्कारोंसे युक्त हो?

निश्चय ही जो व्यक्ति स्वतन्त्र रूपसे सत्यका अनुगमन करना चाहता है, उसके लिए उच्च कोटिके नैतिक एवं बौद्धिक संस्कारोंसे युक्त होना आवश्यक है।

अब क्या आप किसी साधारण व्यक्तिसे इस कोटिके नैतिक एवं बौद्धिक संस्कारोंकी अपेक्षा करते हैं?

मेरे लिए यह आवश्यक नहीं कि जो लोग इस सिद्धान्तको स्वीकार करते हैं वे सभी इसी कोटिके नैतिक एवं बौद्धिक संस्कारोंसे युक्त हों। उदाहरणके लिए अगर 'क' ने सोच-विचारकर सत्यकी अपनी एक अलग कल्पना की है और 'ख' और 'ग' तथा ५० अन्य लोग उसे चुपचाप पूरी तरह स्वीकार कर लेते हैं तो में जिस उच्च स्तरकी अपेक्षा 'क' से करूँगा उसी स्तरकी अपेक्षा अन्य लोगोंसे करनेकी मुझे कोई