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उपद्रव जाँच समितिके सामने गवाही


अपने यहाँ या इंग्लैंडके संविधानका पूरा खयाल रखते हुए, मैं समझता हूँ, आप मेरी इस बात से सहमत होंगे कि इस 'एम्बैरेसमेंट'[१] शब्दसे भागनेकी कोशिश करना बेकार है, क्योंकि इस शब्दका उपयोग किया गया है और आपने ऐसा कहा है?

बिलकुल नहीं।

आप यह तो मानेंगे कि सत्ताके विरुद्ध चलाये गये किसी भी आन्दोलनसे, यवि वह वफादारीकी अधिकसे-अधिक भावना रखते हुए पूरी तरह संवधानिक ढंगसे चलाया जाये तो उससे भी अधिकारियोंको परेशानी होगी ही। यद्यपि यह हो सकता है कि आप अपना सत्याग्रह आन्दोलन आत्मबलके आधारपर चला रहे हैं, फिर भी इसका एक परिणाम यह तो है ही कि आप सरकारको परेशान कर रहे हैं, और आप इस बातसे इनकार भी नहीं कर करते?

यहाँ किसी बात से इनकार करने-न-करनेका सवाल नहीं है। जब मैं 'परेशानी' शब्द के उपयोगकी बातपर आपत्ति कर रहा था तो मेरा मतलब यह था कि उसमें कोई वैसा मंशा नहीं था। मेरा खयाल है 'परेशानी' शब्दका महत्त्व आँकनेमें ध्यान भी निश्चित रूपसे मंशाका रखना चाहिए।

आप यह तो नहीं कहते कि किसी भी राजनीतिक आन्दोलनसे सरकारको परेशान नहीं होना चाहिए?

नहीं, में ऐसा तो बिलकुल नहीं कहता।

लेकिन आपके अनुसार, इसका संचालन सत्य और अहिंसाका पालन करते हुए करना चाहिए?

लेकिन मैं यहाँ एक भेदकी ओर विशेष रूपसे ध्यान दिलाना चाहूँगा। वह यह कि जहाँ साधारण राजनीतिक आन्दोलन सरकारको परेशान करनेके निश्चित इरादे से छेड़ा जाता है, वहाँ सत्याग्रह आन्दोलन कभी भी किसी व्यक्तिको परेशान करनेके इरादेसे नहीं छेड़ा जाता, लेकिन अगर उसका परिणाम परेशानीके रूपमें प्रकट होता है तो उसे इस चीजको झेलना पड़ता है।

तो मतलब यह कि सवाल चाहे आत्मबलका हो या संख्या-बलका, परिणाम हर हालतमें परेशानी ही होगा, यही है न?

मैं यह कह रहा हूँ कि सत्याग्रही इस भयसे भागेगा नहीं, लेकिन साथ ही परेशान करना उसका उद्देश्य नहीं होगा।

लेकिन अब वही हड़तालवाला उदाहरण लीजिए। मुझे हड़तालोंका कोई ज्यादा अनुभव नहीं है लेकिन कुछ तो है ही। क्या आप मानते हैं कि ऐसी कोई हड़ताल कभी सफल हुई है जिसमें मिल-मालिकोंके केवल एक-दो विरोधियोंने कहा हो कि वे काम नहीं करेंगे? क्या ऐसी हड़ताल कभी सफल हुई है?

अवश्य, मैं इसके बीसों उदाहरण दे सकता हूँ, और मेरा खयाल है कोई भी मिल-मालिक यहाँ आकर यह कह देगा कि अगर कोई ऐसा प्रमुख आदमी, जो एक विभागका संचालक हो, हड़ताल कर दे तो मिल-मालिकको झुकानेके लिए यह काफी होगा,

  1. अर्थात् परेशानी।