पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 16.pdf/४८९

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
४५५
उपद्रव जाँच समितिके सामने गवाही


आपका खयाल यह है कि उस उथल-पुथलका स्वरूप होगा, शोक मनाना और उपवास करना, लेकिन हिंसा करना नहीं—यही न?

मैं पूरे विश्वासके साथ तो ऐसा नहीं कह सकता, लेकिन यह अपेक्षा अवश्य रखता हूँ कि हम लगभग उस स्थितिमें पहुँच गये हैं।

और निश्चय ही मेरा खयाल है, आप मेरी इस बात से सहमत होंगे कि जहाँतक भारतका सम्बन्ध है, यहाँके शिक्षित लोगोंका अनुपात देखते हुए यह कहना बहुत कठिन है कि जो अशिक्षित लोग आपको इतना प्यार करते हैं वे अपने आवेशपर नियन्त्रण रख सकेंगे और वस्तुस्थितिको दार्शनिक भावसे देख सकेंगे?

जी नहीं, बिलकुल नहीं, सत्याग्रहके प्रचारके लिए मुझे जिस ढंगकी शिक्षा- की जरूरत है वह उससे भिन्न है जिसकी आप बात कर रहे हैं।

काल-क्रमसे हो सकता है, आप उन्हें उसके लिए तैयार कर दें, लेकिन मैं तो वर्तमानकी बात कह रहा हूँ?

मैं यह नहीं कहूँगा कि हमारी निरक्षरताके कारण सत्याग्रह के सिद्धान्तका प्रचार यहाँ कुछ ज्यादा कठिन है। हमारे देशभाइयोंमें साक्षरताकी जो स्थिति है उसे मैं शोचनीय मानता हूँ, लेकिन यह नहीं मानता कि सत्याग्रहके प्रचारमें निरक्षरता कोई व्यवधान है। अगर मुझे उस खतरेकी आशंका है तो वह अर्ध-शिक्षित लोगोंसे है।

अब मैं 'निरक्षर' शब्दको छोड़ता हूँ। क्या आप यह कह सकते हैं कि किसी ३००,००० से अधिक आबादीवाले नगरको और बम्बई नगरको, जिसकी आबादी १,२००,००० से अधिक है, नियन्त्रणमें रखना बहुत आसान है? मान लीजिए ये सभी लोग आपके प्रति श्रद्धा रखते हैं प्यार करते हैं और आपका सम्मान करते हैं तो क्या आपकी गिरफ्तारीको वे चुपचाप खड़े हुए दार्शनिक भावसे देख सकेंगे?

इस कार्यमें जो कठिनाई निहित है, उसे में स्वीकार कर चुका हूँ, लेकिन मैं यह नहीं मानता कि यह बात असम्भव है, और न यही समझता हूँ कि यह कार्य इतना कठिन है कि इसे लगभग असम्भव ही मानना चाहिए। मैं इसे कठिन तो मानता हूँ लेकिन इतना कठिन नहीं कि इसे साधा ही न जा सके।

तो मैं यह मान लेता हूँ कि हड़ताल किसी भी तरह सत्याग्रह आन्दोलनका कोई अंग नहीं है?

वह उसका कोई अभिन्न अंग नहीं है।

और इसलिए जहाँतक हड़तालका सम्बन्ध है, सत्याग्रह आन्दोलनके प्रचारके लिए यह जरूरी नहीं कि हर दूसरे दिन या हर महीने हड़ताल करनेका आदेश दिया जाता रहे?

जी हाँ, बिलकुल नहीं।

और हमें जो अनुभव प्राप्त हुए थे या हुए हैं, उनका खयाल रखते हुए यह सम्भव है कि सत्याग्रह आन्दोलन बिना हड़तालके ही जारी रहेगा?

हाँ, अगर जरूरी हुआ तो मैंने हड़ताल करानेका विचार पहले भी किया है, और श्री हॉर्निमैनके सम्बन्धमें तथा खिलाफत आन्दोलनके सिलसिलेमें इसे आजमा देखनेके