मुझे तो मालूम हुआ है कि वास्तवमें आपका स्वास्थ्य बहुत ठीक नहीं रहता है?
हाँ, फिलहाल तो बहुत ठीक नहीं है।
पिछले दो-तीन वर्षोंसे ऐसा है?
हाँ, दो वर्षोंसे।
और कभी-कभी आपका स्वास्थ्य इतना बुरा रहा कि आप अपने भाषण पढ़ने में भी असमर्थ थे?
जी हाँ।
और आपने दूसरोंको अपने भाषण पढ़नेको कहा?
जी हाँ।
और आप कोई बहानेबाजी नहीं कर रहे थे?
खयाल तो ऐसा ही है।
जब बम्बई में इनमें से कुछ घटनाएँ घट रही थीं, उन दिनों आप वहीं थे?
जी हाँ, वहीं था।
और आप एक सभा करके उसमें बोलना चाहते थे?
जी हाँ।
किस तारीखको?
६ तारीखको में कई सभाओं में बोला।
और इसके बाद किसी सभामें?
हाँ, ११ को दिल्लीसे लौटकर में फिर एक सभा में बोला।
और आपको वहाँके अधिकारियोंकी स्वीकृति मिल गई?
जी हाँ, बेशक।
लेकिन सैनिक या पुलिस के लोग सड़कोंपर जमे हुए थे और आप उनसे परवाना लिये बिना उधर से गुजर नहीं सकते थे?
जी नहीं, में नहीं समझता कि सैनिक या पुलिसके लोग सड़कोंपर जमे हुए थे।
यानी वे उन सड़कोंपर नहीं जमे हुए थे जिनसे होकर आपको गुजरना था?
जी हाँ, भीड़ चौपाटीपर जमा थी।
मैं पायधुनीकी बात कर रहा हूँ।
जी हाँ, वे वहाँ तो थे।
और जब आपकी गाड़ी उस सड़क से गुजरी तो अधिकारियोंसे आपको गाड़ी ले जानेकी अनुमति मिल गई थी?
जी नहीं, मुझे अनुमति नहीं मिली थी। मैं तो वहाँ सिर्फ इसलिए गया था कि वहाँ लोगोंके हिंसापर उतर आनका खतरा था। मेरे घर पहुँचते ही मेरे पास सन्देश भेजे गये। इसपर मैंने कुछ मित्रोंको भीड़को यह सूचित करनेके लिए भेजा कि मैं छूट गया हूँ; लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। मेरा खयाल है, शायद श्री हंसराजने आकर मुझसे कहा कि मैं वहाँ जाऊँ अन्यथा भीड़ शान्त नहीं होगी।