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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय


अब क्या आपने श्री चैटफील्डसे वस्तुतः ऐसा कहा या उन्हें ऐसा कुछ आभास मिला जिससे उन्हें लगा कि आपने उनसे कहा कि होमरूल लीगने अहमदाबादमें या अन्यत्र ११ तारीखको हुए इस फसादके लिए कोई योजना तैयार कर रखी थी?

मैं तो नहीं समझता, मैंने ऐसा कहा है। और अगर उन्होंने ऐसा कहा हो तो यह मेरे लिए बड़े आश्चर्यकी बात होगी।

क्या आपका विभिन्न प्रान्तों में होमरूल लीग आन्दोलनसे वास्ता पड़ा है?

जी हाँ।

आम लोगोंके बीच भी लगातार एक आन्दोलन चल रहा है?

जी हाँ।

क्या आप जानते हैं कि रौलट अधिनियमके विरुद्ध जो सत्याग्रह आन्दोलन छेड़ा गया उसका लोगोंपर बड़ा शमनकारी प्रभाव पड़ा?

मेरा तो यह पक्का विश्वास है कि यदि सत्याग्रह न किया गया होता तो भारतको जो नजारे देखने पड़े उनसे भी कहीं अधिक भयंकर नजारे उसे देखने पड़ते।

[अंग्रेजीसे]
एविडेंस बिफोर डिसऑर्डर्स इन्क्वायरी कमेटी, खण्ड २
 

२४५. पत्र : अखबारोंको[१]

साबरमती
जनवरी १०, १९२०

सेवामें

सम्पादक
'क्रॉनिकल'
[बम्बई]

महोदय,
श्री एन्ड्रयूजने मोम्बासासे एक तार भेजा है जिसमें वे कहते हैं :
भारतीयोंकी राजनैतिक स्वतन्त्रताका दमन करनेवाले प्रस्तावित अध्यादेशका पूरा मसविदा इस प्रकार है :
पहली बात, कि विधेयकको 'अवांछनीय व्यक्ति निष्कासन अध्यादेश, १९१९' कहा जाये।
दूसरे, पूर्वी आफ्रिकी संरक्षित प्रदेश (ईस्ट आफ्रिकन प्रोटेक्टरेट) में रहनेवाले किसी भी गैर-वतनी व्यक्तिको, जिसे अधिकृत रूपसे प्राप्त सूचनाके आधारपर सपरिषद् गवर्नर अवांछनीय समझें, उसे गवर्नर हुक्म दे सकते हैं कि वह संरक्षित प्रदेश (प्रोटेक्टरेट) से उस हुक्ममें बताई गई तारीखसे पहले चला जाये।
  1. यह यंग इंडिया, १४-१-१९२० में भी प्रकाशित हुआ था।