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२५३. पत्र : एडा वेस्टको

जनवरी १३, १९२०

प्रिय देवी,

तुम्हारा पत्र मिला। तुम्हारी लिखावट जब देखता हूँ तभी लगता है मानो में तुम्हारे साथ हूँ; इस समय यहाँ बहुतसे बच्चे हैं इसलिए मुझे तुम्हारी अनुपस्थिति और भी खल रही है। लेकिन में जानता हूँ कि मैं यहाँ जो कुछ कर रहा हूँ उसमें तुम मेरे साथ रहकर हाथ नहीं बँटा सकतीं। मेरी चिट्ठी न पानेकी तुम्हारी शिकायत मेरी समझ में नहीं आती। मैंने अभी कुछ ही दिन हुए लाहौरसे तुम्हें पत्र लिखा था। मैं तुम्हें अपने पत्र श्री रुस्तमजीकी मार्फत भेजता रहा हूँ। तुमने अपने किसी भी पत्र में अपना पता नहीं दिया, और इसलिए ठीक क्या पता लिखना चाहिए सो समझमें नहीं आता।

आशा है श्री एन्ड्रयूजके नेटाल पहुँचनेपर तुम उनसे अवश्य मिलोगी। वे एक बहुत कठिन कामके सिलसिले में वहाँ आ रहे हैं। दक्षिण आफ्रिकाके लोग युद्धसे पहले जितने स्वार्थी थे, वे अब उससे कहीं अधिक स्वार्थी हो गये हैं श। जिस भारतीयका वहाँ थोड़ा-बहुत व्यापार भी है, उसे वे वहाँ नहीं रहने देना चाहते।

मैं तुम्हारे इस कथन से सहमत हूँ कि बहुत-सी शादियाँ अकसर विफल सिद्ध होती हैं और निश्चय ही मैंने देखा है कि संयमित अविवाहित जीवन विवाहित जीवनसे अच्छा होता है। विवाहके परिणामस्वरूप मनुष्यकी एकाग्रता जितनी इधर-उधर बँट जाती है, उतनी अन्य किसी चीजसे नहीं। अधिकांश मामलोंमें तो विवाह हमारी कमजोरियों का परिणाम मात्र होता है। विवाहित जीवनकी कठिनाइयोंके समाधानके लिए ही मैंने आश्रम में वह नियम लागू किया है, जिसे फीनिक्समें मैंने लागू तो नहीं किया था किन्तु स्वेच्छासे लोगोंको पालन करनेकी सलाह दी थी। यह लिखते समय मुझे कुमारी हॉबहाउस[१] का ज्वलन्त उदाहरण याद आता है। यदि उनपर विवाहित जीवनकी चिन्ताओंका भार होता तो दक्षिण आफ्रिकामें उन्होंने जितना बड़ा काम कर दिखाया उसे कर सकना उनके लिए कदापि सम्भव न होता। मैं अब भी आशा करता हूँ कि तुम मेरे लगभग ४० वर्षके अनुभवपर आधारित मेरे इस निष्कर्षसे सहमत हो सकोगी कि दूसरे धर्मकी सुन्दरताको समझने के लिए किसीको अपना धर्म छोड़नेकी जरूरत नहीं है और किसी अन्यके धर्मकी सुन्दरताओंकी कद्र करनेसे मनुष्य अच्छा होनेके साथ-साथ अपने धर्ममें ज्यादा दृढ़ होता चलता है। मेरा हिन्दुत्व मुझे ईसाई धर्मकी अच्छी चीजोंको अपनानेसे नहीं रोकता, और न वह मुझे उसकी रूढ़ियोंका अन्धभक्त बनाता है। अब तुम इस कथनको समझ सकोगी कि कुमारी फैरिंग आश्रम में बिना किसी बाधा के ईसाई धर्मके अनुसार अपना जीवन व्यतीत कर सकेगी। मैं अपेक्षा

  1. एमिली होबहाउस।