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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

करता हूँ कि समय मिलनेपर तुम हम लोगोंके बीच फिर आओगी। में आशा करता हूँ कि हम जिस सुन्दर वातावरणमें रहते हैं, उसके कुमारी फैरिंग द्वारा दिये गये विवरणसे तुम्हारी यहाँ आनेकी इच्छा और बढ़ गई होगी। यदि तुम फैरिंगके अन्तर और बाह्य, दोनोंके बारेमें अपनी राय मुझे सूचित कर सको तो इसे मैं अपना सौभाग्य समझँगा। उस लड़कीमें त्यागका ऐसा प्रबल गुण है कि सचमुच कभी-कभी मैं हैरान हो जाता हूँ; समझ ही नहीं पाता कि आखिर वह चाहती क्या है। तुम शायद इस मामलेमें भी मुझे अपना राजद बना सकोगी।

नये वर्षकी मंगल कामनाओं सहित,

हृदयसे तुम्हारा,

हस्तलिखित अंग्रेजी मसविदे (एस॰ एन॰ ७०२७) की फोटो-नकल से।

२५४. पत्र : कुमारी पीटर्सनको

जनवरी १३, १९२०

प्रिय कुमारी पीटर्सन,

एक लम्बे मौनके बाद आपका पत्र पाकर मुझे प्रसन्नता हुई। यह सुनते ही कि आप चाहती हैं कि कुमारी फैरिंग बड़ा दिन आपके साथ गुजारे, मैंने बिना हिचक कह दिया कि उसे आपकी इच्छाका स्वागत करना चाहिए। मैं इस ईसाई भावनाकी पूरी कद्र करता हूँ कि बड़े दिनके त्योहारपर मित्र और कुटुम्बी इकट्ठे हों और उनका स्नेहमिलन हो। मैं आपके सामने यह बात स्वीकार करना चाहूँगा कि आश्रम में कुमारी फैरिंगकी उपस्थिति हम सबके लिए आत्मोन्नतिकारी है। वह बहुत ही अच्छे स्वभावकी स्नेहशील लड़की है और उसकी बहुत ही ऊँची आकांक्षाएँ हैं। हम सब उससे फिर मिलनेकी बाट जोह रहे हैं। मैं केवल यह चाहता हूँ कि वह यहाँ स्वस्थ रहे और आश्रम में रहकर एक बेहतर और अधिक निष्ठावान ईसाई बन सके। जैसा कि मैंने उसे बार-बार बताया है, उसका आश्रममें रहनेका औचित्य केवल तभी सिद्ध किया जा सकता है जब आश्रमके वातावरण में उसकी ईसाई भावना न केवल अक्षुण्ण बनी रहे वरन् पहलेसे भी अधिक शुद्ध और परिष्कृत हो जाये। में अपने आपको बिलकुल पक्का हिन्दू मानता हूँ। मेरा विश्वास है कि हिन्दुत्वके सत्यका मुझे काफी सूक्ष्म ज्ञान है, और इससे जो अमूल्य शिक्षा मैंने ग्रहण की है वह यह कि मेरी अभिलाषा यह नहीं होनी चाहिए कि अन्य लोग भी हिन्दू बन जायें, बल्कि यह हो कि वे जिस धर्मको मानते हैं उसका सर्वोत्तम उदाहरण बनें। यह तय मानो कि यहाँ आनेपर तुम्हें पूराका पूरा दिन मेरे साथ बिताना होगा। भारतको गर्मीसे आप डरें नहीं। मैं आपके लिए सालके दो सबसे ज्यादा गर्म महीने ठंडी जगह में बितानेका प्रबन्ध आसानीसे कर सकता हूँ। भारतमें ऐसे कई स्थान हैं। वे पहुँचके बाहर भी नहीं हैं।

हस्तलिखित अंग्रेजी प्रति (एस॰ एन॰ ७०५२) की फोटो-नकलसे।