पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 16.pdf/५६७

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२८८. पत्र : मोतीचन्द ऐंड देवीदास, सॉलिसिटर्सको

जनवरी २६, १९२०

मोतीचन्द ऐंड देवीदास

सॉलिसिटर्स
बम्बई

महोदय,

पाटण पिंजरापोल बनाम कप्तान अजमतुल्ला खाँ तथा अन्य लोगोंका जो मामला फैसले के लिए मुझे सौंपा गया था, उसके सम्बन्ध में अपना फैसला[१] में साथमें भेज रहा हूँ। इसकी नकल मैंने कप्तान अजमतुल्ला खाँको भेज दी है। मुझे नहीं मालूम कि इसपर कोई स्टैम्प भी लगाना है या नहीं। अगर लगाना हो तो आप ही लगा दें और अगर फिर उसपर मेरे हस्ताक्षर आदिकी जरूरत हो तो आप फैसलेको विधिवत् स्टैम्प लगाकर वापस भेज दें—मैं स्टैम्पपर हस्ताक्षर आदि कर दूँगा।

हस्तलिखित अंग्रेजी मसविदे (एस॰ एन॰ ७०५६) की फोटो-नकलसे।

२८९. पत्र : एस्थर फैरिंगको

लाहौर
जनवरी २६, १९२०

रानी बिटिया,

तुम्हारा छोटासा पत्र मिला। आशा है कि तुम्हें मेरे पत्र नियमित रूपसे मिलते रहे हैं। मैंने शायद ही किसी दिन न लिखा हो। आज मैं तुम्हें स्नेह भरा पत्र नहीं भेज सकता, क्योंकि डाक जानेमें अब कुछ ही मिनट बचे हैं।

दीपककी प्रगति कैसी है? कृपया दीपकसे कहना कि उसने सरलादेवीको पिछले ४ चार दिनोंसे पत्र नहीं लिखा है। उसे नियमित रूपसे पत्र लिखना चाहिए। कृपया देखो कि वह कमसे कम एक पोस्टकार्ड रोज लिखे।

तुम्हारा,
बापू

नेशनल आर्काइव्ज़ ऑफ इंडिया में सुरक्षित हस्तलिखित मूल अंग्रेजी मसविदेकी फोटो-नकल तथा माई डियर चाइल्डसे।

  1. देखिए पिछला शीर्षक।