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पत्र : अखबारोंको

शक्ति है, इच्छा है और आपको लोगोंकी सहायता प्राप्त है। मैं वृहस्पतिवारको सवेरे गोधरा जा रहा हूँ। वहाँसे शुक्रवारको बम्बईके लिए रवाना हो जाऊँगा।

मुझे उम्मीद है कि मैं थोड़े ही समयमें जनताको गुजराती पत्र दे सकूंगा।

मोहनदास गांधी वन्देमातरम्

गांधीजी के स्वाक्षरोंमें मूल गुजराती पत्र ( जी० एन० २१७२) की फोटो - नकलसे।

१७. लाला लाजपतराय के पत्रपर टिप्पणी[१]

[ अगस्त १३, १९१९ से पूर्व ]

यह पत्र[२] यद्यपि स्पष्टतः लाला लाजपतरायका भेजा हुआ है और 'यंग इंडिया' में प्रकाशित होनेके लिए है तथापि इसमें उनके हस्ताक्षर होनेसे रह गये हैं। फिरभी मैं उसके महत्त्वको देखकर इस चूकके बावजूद उसे प्रकाशित होने दे रहा हूँ।

मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]

यंग इंडिया, १३-८-१९१९ तथा गांधीजीके स्वाक्षरोंमें मूल अंग्रेजी प्रति (एस० एन० ६६६९ ) की फोटो - नकलसे।

१८. पत्र : अखबारोंको[३]

[ पूना

अगस्त १३, १९१९]

मुझे ब्रिटिश भारतीय संघ, जोहानिसबर्गके अध्यक्ष श्री इब्राहीम इस्माइल अस्वातका निम्नलिखित तार अभी-अभी मिला है:

विधेयक २३ जूनको (गवर्नर जनरल द्वारा) मंजूर हुआ, ३ अगस्तको प्रख्यापित कम्पनी लॉ लागू होनेके पूर्व कम्पनियोंको और अधिक बॉण्डों तथा अचल सम्पत्तिको खरीदनेके जो अधिकार मिले हुए थे, उनको यह विधेयक प्रतिबन्धित करता है। पहली मईके पश्चात् नये परवाना-धारियोंपर लागू किये

  1. यंग इंडिया में लाला लाजपतरायका पत्र गांधीजीकी इस टिप्पणीके साथ प्रकाशित हुआ था। पत्रकी फोटो नकलके शीर्षकमें गांधीजीके स्वाक्षरोंमें निम्नलिखित शब्द हैं; "लाला लाजपतराय के सिद्धान्त : निम्नलिखित पत्र प्रकाशनार्थ आया है।"
  2. देखिए परिशिष्ट ३
  3. यह बॉम्बे क्रॉनिकल, १४-८-१९१० और इंडियन रिव्यू, अगस्त १९१९ में भी छपा था।