पृष्ठ:सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 16.pdf/९०

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३७. पत्र : सी० विजयराघवाचारियरको[१]

लैबर्नम रोड

गामदेवी

बम्बई

अगस्त २१, [१९१९]

प्रिय दीवान बहादुर,

मेरा खयाल है कि सविनय अवज्ञाके स्थगित रहते हुए भी रौलट कानून रद करानेके लिए सतत आन्दोलन जारी रखना ही चाहिए। मेरा सुझाव है कि नेतागण वाइसराय अथवा श्री मॉण्टेग्युको एक तर्क-सम्मत ज्ञापन भेजें। इसके लिए इधरके नेताओंके साथ में बात कर रहा हूँ। परन्तु कुछका खयाल है कि ऐसा स्मरण-पत्र भेजनेसे भी सुधारोंको खतरा पैदा हो सकता है! क्या मद्रास नेतृत्व करेगा?

हृदयसे आपका,

मो० क० गांधी

[ अंग्रेजीसे ]

महादेव देसाईकी हस्तलिखित डायरीसे।

सौजन्य : नारायण देसाई

३८. पत्र : लेडी टाटाको

लैबर्नम रोड

[बम्बई]

अगस्त २१, १९१९

प्रिय लेडी टाटा,

चरखेके मामलेमें माफी माँगनेकी तो कोई जरूरत नहीं थी। आप इतने समय चरखेके बिना रहीं, इसका मुझे अफसोस है। आप (शुक्रवारको) दोपहरमें अपनी मोटर भेज दें, तो मैं चरखा और थोड़ी-सी पूनियाँ गोविन्दबाबूके साथ भेज दूंगा। आप यदि थोड़ा समय देंगी, तो वे आपको चरखा चलाने तथा उसे ठीक रखनेके बारेमें कुछ हिदायतें दे देंगे।

  1. १९२० में नागपुर कांग्रेसके अध्यक्ष।