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सम्पूर्ण गांधी वाङ्मय

आमन्त्रित करेगी। कदाचित् किन्हीं भी स्थानीय व्यक्तियोंके सम्बन्धमें ऐसा नहीं कहा जा सकता कि अगर ये जाँच करेंगे तो पक्षपात नहीं होगा।

यह घटना कुछ कम महत्त्वकी नहीं है। दुर्भाग्यवश जनरल डायर ऐसा कह चुके हैं कि भारतमें अंग्रेज महिलाओंके जीवन और सम्मानको पवित्र माना जाता है। मुझे आशा है कि भारत प्रत्येक महिलाके सम्मान और जीवनको एक पवित्र और प्रिय थाती मानता है। अतः इस घटनामें महिलाओंके सम्मानका प्रश्न जुड़ा हुआ है। फिर यह सवाल भी जुड़ा हुआ है कि भारतीय सिपाहियोंने गोली चलानेसे इनकार कर दिया था। अगर यह सच हो कि उन्होंने गोली चलानेसे इनकार कर दिया और अगर इसके कारण वही हों जो बयानमें बताये गये हैं तो यह उनके लिए गौरवकी बात है। इस घटनाके महत्त्वका एक कारण यह भी है कि इस दुःखद घटनाका सम्बन्ध एक धार्मिक प्रश्नपर देश छोड़कर जाते हुए लोगोंसे है। मैं सरकारको यह बता दूँ कि पंजाबके सैकड़ों-हजारों लोग इस मामलेकी चर्चा बड़ी सरगरमीसे कर रहे हैं। अगर सरकार चाहती है कि मामलेके एक अपुष्ट विवरणकी जनतामें ऐसी चर्चा न हो तो जल्दीसे-जल्दी इसकी पूरी जाँच कराना जरूरी है।

बहुत अच्छा होता अगर इस विवरणमें, जो हम अन्यत्र छाप रहे हैं, आवेशकी भावना और अलंकारिता न होती। अगर किसी घटनाका विवरण विशेषणोंके प्रयोगसे मुक्त हो और विवरण देनेवाला व्यक्ति अपनी निजी राय उसमें न शामिल करे तो उससे उस विवरण में ज्यादा जोर आ जाता है। लेकिन अनुभवहीन लोगोंसे सही और सटीक विवरणकी अपेक्षा करना शायद ज्यादती ही होगी——विशेषकर उस स्थितिमें जब विवरण देनेवाला व्यक्ति किसी और भाषामें विवरण दे और उसे कोई ऐसा व्यक्ति अनुवाद करके लिखित रूपमें प्रस्तुत करे जो अच्छा अनुवादक नहीं है और उस लिखित विवरणमें बराबर अपने विचार ठूँस देनेको उत्सुक रहता हो। जो भी हो, मैं पाठकोंको सलाह दूँगा कि जबतक उनके सामने सरकारी विवरण नहीं आ जाता तबतक वे इस सम्बन्धमें कोई मत स्थिर न करें।

इसके अतिरिक्त, इस घटनासे यह भी प्रकट होता है कि सरकारके लिए हिजरतके सम्बन्धमें अपनी एक नीति निर्धारित कर लेना आवश्यक है। अगर वह इस शान्तिपूर्ण और धार्मिक विरोध-प्रदर्शनको रोकना न चाहती हो तो उसे स्पष्ट रूपसे वैसा कह देना चाहिए। अन्यथा सरकारकी नीतिसे अनभिज्ञ छोटे अधिकारी अपने मूर्खतापूर्ण और विवेकशून्य कार्यों द्वारा ऐसे ढंगसे एक गम्भीर स्थिति उत्पन्न कर दे सकते हैं जो सरकारको वांछनीय न हो। मुसलमानोंकी हिजरतका जो यह सिलसिला चल पड़ा है, उसके कुछ इतने व्यापक रूप धारण कर लेनेके लक्षण दिखाई दे रहे हैं कि उसे भाग्यके भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। सभी पक्षोंके हितकी दृष्टिसे यह अत्यन्त वांछनीय है कि सरकार इस सम्बन्धमें अपनी नीतिकी स्पष्ट घोषणा करे।

[अंग्रेजीसे]
यंग इंडिया, २८-७-१९२०